राकेश टिकैत खुद को किसानों का रहनुमा बताते हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे हैं. दिल्ली के बॉर्डर पर आगे की रणनीति बनाते हैं, उसके अलावा देशभर में घूमकर केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना भी करते हैं.
पहले कहा करते थे कि वो किसी पार्टी के विरोध में नहीं हैं बल्कि सरकार की नीतियों के विरोध में हैं. लेकिन उनके लिए अब वो अंतर मिट चुका है. हरियाणा के हिसार में उन्होंने बीजेपी को सबसे खतरनाक पार्टी करार दिया तो दूसरी तरफ यूपी चुनाव से पहले किसी हिंदू नेता की हत्या का सनसनीखेज दावा भी किया.
हरियाणा की रैली में उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस समय की सबसे खतरनाक पार्टी है. किसान आंदोलन के समय हम सबको हिंदू और सिख में बांटने की कोशिश की गई और उसी तरह की कोशिश यूपी चुनाव से पहले की जाएगी.
चुनाव को हिंदू मुसलमान बनाने की कोशिश की जाएगी. बीजेपी को पता है कि 2022 में उसकी स्थिति क्या होने वाली है. बड़ी बड़ी चालें चली जा रही हैं, हर एक को सतर्क रहने की जरूरत है. किसानों की हमदर्दी अब बीजेपी के साथ नहीं है और बीजेपी उसे समझ चुकी है. लिहाजा वो लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं.
राकेश टिकैत ने कहा कि आरएसएस के लोग ही हत्या करवाएंगे, चुनाव को पूरी तरह हिंदू मुस्लिम कर दिया जाएगा. सरकार चाहती है कि किसान आंदोलन बदनाम हो, कभी हिंदू सिख और कभी हिंदू मुसलमान करने की कोशिश करेंगे. लेकिन सवाल यह है कि राकेश टिकैट के आरोप के पीछे आधार क्या है, क्या सिर्फ वो किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.
साभार-टाइम्स नाउ