ताजा हलचल

राकेश टिकैत बोले- आंदोलन सरकार के हाथ में, जब चाहे तब खत्म करा दे

0
Uttarakhand Political News
किसान नेता राकेश टिकैत

नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. किसान नेता इस बात पर अड़े हुए हैं कि तीनों कानून रद्द हों. इस बीच गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर किसान संगठनों से केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के प्रावधानों के खिलाफ प्रदर्शन समाप्त करने और सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की अपील की.

हालांकि उन्होंने कानूनों को रद्द करने से इंकार कर दिया. केंद्रीय कृषि मंत्री के बयान पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आंदोलन तो सरकार के हाथ में है जब चाहे तब खत्म करा ले.

राकेश टिकैत ने कहा, ‘हम बातचीत के लिए तैयार हैं, बातचीत के लिए शर्तें नहीं होनी चाहिए. सरकार को जब चाहे तब बातचीत कर ले. ये आंदोलन जब तक सरकार चाहेगी तब तक चलेगा. आंदोलन तो सरकार के हाथ में है, हमारे हाथ में नहीं है. सरकार बातचीत से खत्म कर ले, सरकार लाठी गोली से खत्म कर ले. यहां पे चलावे तो खत्म हो जाएगा नहीं तो बातचीत करे तो तब खत्म हो जाएगा.’

इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि सरकार किसानों से हर मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार है चाहे वो कोई भी टॉपिक है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मैं आपके माध्यम से किसान संगठनों से इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने और विरोध प्रदर्शन समाप्त करने की अपील करना चाहता हूं. उन्हें बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए और सरकार वार्ता के लिए तैयार है.’

दरअसल मानसून सत्र से पहले किसान नेता सरकार पर दवाब बनाने के तमाम प्रयास कर रहे हैं कि अगर सरकार उनसे बात नहीं करती है है तो वो संसद का घेराव करेंगे. ऐसे में सरकार के लिए भी हालात आसान नहीं होंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मॉनसून सत्र शुरू होने के दो दिन पहले सदन के अंदर कानूनों का विरोध करने के लिए सभी विपक्षी सांसदों को एक ‘चेतावनी पत्र’ दिया जाएगा. आपको बता दें कि संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होने जा रहा है.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version