जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अपना ज़िला तक नहीं बचा पाए राकेश टिकैत

मुजफ्फरनगर| शनिवार को उत्तर प्रदेश जिला पंचायत चुनाव के नतीजे घोषित हुए तो बीजेपी की बांछे खिल उठीं. प्रदेश की 75 में से बीजेपी को 67 सीटें मिलीं वहीं विपक्ष का सूपड़ा साप हो गया. सबकी नजर थी मुजफ्फरनगर जिला पंचायत की सीट पर जो किसान नेता राकेश टिकैतऔर नरेश टिकैत का गढ़ माना जाता है.

दोनों ही पिछले साल से देशभर में किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं. गौर करने वाली बात ये है कि जिला पंचायत अध्‍यक्ष पद के चुनाव में मुजफ्फरनगर में 10 मुस्लिम जिला पंचायत सदस्यों ने बीजेपी को वोट किया.

इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार डॉ. वीरपाल निर्वाल का मुकाबला करने के लिए टिकैत की भारतीय किसान यूनियन ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के भाई सतेंद्र बालियान को अपना उम्मीदवार बनाया था और पूरे विपक्ष ने भाकियू को समर्थन दिया था.

टिकैत बंधुओं को उम्मीद थी कि वो अध्यक्ष पद पर कब्जा कर लेंगे. लेकिन जब परिणाम घोषित हुए तो हर कोई भाकियू उम्मीदवार की हार पर हैरान नहीं था बल्कि उन्हें मिले केवल 4 वोटों को लेकर हैरान था. किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे टिकैत बंधु अपना घर औऱ चुनाव प्रबंधन तक नहीं संभाल पाए.

बीजेपी ने अध्यक्ष पद के लिए ऐसी गोटी बैठाई कि विपक्ष चारों खाने चित्त हो गया. बीजेपी जिला पंचायत की 43 सीटों में से केवल 13 सीटें ही जीत पाई थी लेकिन अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी का प्रबंधन ऐसा रहा कि 30 सदस्यों ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया जिसमें 10 मुस्लिम सदस्य शामिल हैं. वहीं विपक्ष के सतेंद्र बालियान महज 4 वोट जुटा सके.

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