नई दिल्ली| भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती का एक और नायाब उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश मंगलवार सुबह धरने पर बैठे विपक्ष के सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे.
कृषि सुधारों से जुड़े विधेयकों के पारित किए जाने के दौरान राज्यसभा में इन सदस्यों ने ‘आक्रामक व्यवहार’ दिखाया था जिसके बाद इन्हें मानसून सत्र के बचे समय के लिए निलंबित कर दिया गया.
निलंबन की इस कार्रवाई के खिलाफ विपक्ष के ये सदस्य सोमवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समीप अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए.
विपक्ष के इन सांसदों का कहना है कि जब तक इनका निलंबन वापस नहीं होगा तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे.
सांसद अपने साथ तकिया और चादर लेकर आए और पूरी रात संसद परिसर में बिताई लेकिन मंगलवार सुबह राज्यसभा के उप सभापति उनके पास आकर चौंका दिया.
कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने कहा, ‘हरिवंश जी हमसे मिलने एक सहयोगी के रूप में आए थे, राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन के रूप में नहीं.
वह हमारे लिए चाय और कुछ स्नैक्स लेकर आए थे. निलंबन के खिलाफ हमने सोमवार को अपना धरना शुरू किया.
हमने पूरी रात यहां गुजारी है. सरकार की तरफ से कोई भी हमारा हाल-चाल जानने नहीं आया.
विपक्ष के कई सदस्य हमसे मिलने आए और हमारे साथ एकजुटता दिखाई. हम अपना धरना जारी रखने जा रहे हैं.’
हरिवंश अपने साथ निलंबित सांसदों के लिए चाय लेकर आए और सभी को चाय पिलाई. इस दौरान उप सभापति ने निलंबित सांसदों से बातचीत भी की.
राज्यसभा के ये निलंबित सदस्य हैं-राजीव सातव, नासिर हुसैन, रिपुन बोरा (कांग्रेस), डोला सेना, डेरेक ओ ब्रायन (टीएमसी), केके रागेश, एलामारम करनीन (सीपीएम), संजय सिंह (आप).