राजस्थान| सोमवार को राजस्थान हाई कोर्ट ने बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में अपना बहुप्रतिक्षित फैसला सुना दिया है. जस्टिस महेन्द्र गोयल की कोर्ट ने याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि इस मामले में स्पीकर सुनवाई करें.
इस मामले को लेकर बसपा और बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. पिछले दिनों ही इस मामले में सुनवाई पूरी हुई थी. लेकिन उसके बाद हाईकोर्ट में कोरोना संक्रमण के केस आने के कारण कार्य स्थगित कर दिया गया था. इसलिये फैसला नहीं सुनाया जा सका था.
अदालत ने इस मामले में सभी पक्षों की सुनवाई करने के बाद 14 अगस्त को फैसला लिखवाना शुरू कर दिया था, लेकिन समय के अभाव में पूरा फैसला नहीं लिखवाया जा सका था. 1 घंटे 22 मिनट तक लगातार फैसला लिखवाने के बाद कोर्ट ने 17 अगस्त तक के लिए मामले की सुनवाई टाल दी थी. लेकिन इस बीच हाई कोर्ट में कोरोना के केस आने के बाद 17 अगस्त से 19 अगस्त तक कोर्ट का कार्य स्थगित करने के आदेश हो गये थे. उसके बाद कार्य स्थगन को 20 और 21 तारीख के लिये फिर बढ़ा दिया गया था. 22 को शनिवार और 23 को रविवार होने के कारण कोर्ट का अवकाश था. इसलिये इस मामले पर फैसला आने में देरी हुई.
दरअसल 15वीं विधानसभा के लिये बसपा के टिकट पर चुनाव जीत आये सभी 6 विधायकों ने गत वर्ष 16 सितंबर को स्पीकर डॉ. सीपी जोशी के सामने कांग्रेस में शामिल होने के लिए एक अपना प्रार्थना पत्र दिया था. विधानसभा स्पीकर ने उस प्रार्थना-पत्र को स्वीकार कर 18 सितम्बर 2019 को बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को मंजूरी दे दी थी. इस विलय को बसपा और बीजेपी विधायक मदन दिलवार अवैधानिक बताते हुए इसे लेकर हाईकोर्ट के एकलपीठ में चुनौती दी. उस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 30 जुलाई को विधानसभा स्पीकर सहित बसपा के सभी 6 विधायकों को नोटिस जारी किये थे.
Single judge bench of Rajasthan High Court dismisses petitions of Bahujan Samaj Party (BSP) & BJP leader Madan Dilawar against the merger of 6 BSP MLAs into Congress in the state; asks the Assembly Speaker to take a decision on the matter. pic.twitter.com/Z6Bq5voDHb
— ANI (@ANI) August 24, 2020