चलती ट्रेनों में भविष्य में रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए वाई फाई से मूवी या इंटरटेनमेंट का मजा लेने का सपना देख रहे पैसेंजरों को झटका है. रेलवे मंत्रालय फिलहाल चलती ट्रेनों में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध नहीं कराएगा.
यह जानकारी सरकार ने संसद में दी गई है. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह यह सुविधा शुरू की गई थी, लेकिन अधिक खर्चीली होने और तकनीकी कारणों से सुविधा को बंद कर दिया गया है.
रेलवे मंत्री अश्विनी वैषणव ने लोकसभा में दिए गए एक जवाब में बताया कि मंत्रालय ने सेटेलाइट कंप्यूनिकेशन टेक्नालाॅजी के जरिए चलती ट्रेनों में वाई फाई की सुविधा देने की योजना करीब दो साल पहले बनाई थी. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में वाईफाई आधारित इंटरनेट सुविधा हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस में शुरू की गई थी.
इस दौरान देखा कि गया कि यह टेक्नोलॉजी अधिक खर्चीली है. इसमें इंटेंसिव कैपिटल के साथ रेकरिंग कास्ट की आवश्यकता होती है. जैसे कि बैंडविड्थ शुल्क जो इस प्रोजेक्ट को कॉस्ट इफेक्टिव नहीं बनाते हैं. अभी चलती ट्रेनों में वाई फाई इंटरनेट सेवाओं के लिए उपयुक्त और किफायती टेक्नोलाजी नहीं है. इसलिए इस सुविधा को फिलहाल ड्रॉप कर दिया गया है.
मौजूदा समय भारतीय रेलवे देशभर के करीब 6000 से अधिक स्टेशनों पर वाई-फाई इंटररेट सुविधा दे रहा है. इन 6000 स्टेशनों में आंध्र प्रदेश में 509, महाराष्ट्र में 550, बिहार में 384, अरुणाचल प्रदेश में 3, असम 222, उत्तर प्रदेश में 762, पश्चिम बंगाल में 498, तमिलनाडु में 418,मध्य प्रदेश में 393, गुजरात में 320, ओडिशा 232, राजस्थान 458, कर्नाटक 335, गुजरात 320, झारखंड 217, पंजाब 146, हरियाणा 134, केरल 120, छत्तीसगढ़ 115 तेलंगाना 45, दिल्ली 27 हिमाचल प्रदेश 24, उत्तरखंड 24, जम्मू कश्मीर 14, गोवा 20, त्रिपुरा 19, चंडीगढ़ 5, नागालैंड 3, मेघालय मिजोरम और सिक्किम 1-1 रेलवे स्टेशन शामिल हैं.
रेलवे स्टेशनों में सुरक्षा व्यवस्थ चुस्त करने के कई तरह के इंतजाम किए गए हैं. महिला यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए निर्भया निधि के तहत 983 स्टेशनों पर इंटीग्रेटेड इंक्वायरी रिस्पांस मैनेजमेंट सिस्टम (आईईआरएमएस) की व्यवस्था शामिल है. अब तक कुल 814 स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं.