रेल और आम बजट को अलग-अलग पेश करने की परंपरा को मोदी सरकार ने किया था खत्म

एक फरवरी, सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करने के लिए तैयार है. बजट की पूर्व संध्या पर आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ और बातें. आज हम आम बजट और अंतरिम बजट में क्या अंतर होता है साथ ही देश में इसकी शुरुआत कब हुई थी, सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे.

पहले बात होगी रेल बजट और आम बजट को एक साथ कब और क्यों पेश किया जाने लगा. अभी कुछ साल पहले आपको याद होगा रेल और आम बजट अलग-अलग दिन आते थे. रेल बजट को रेल मंत्री और आम बजट को वित्त मंत्री पेश किया करते थे. वर्ष 2014 में मोदी सरकार आने के बाद इन दोनों बजट को एक साथ पेश करने की कवायद शुरू हो गई थी.

नीति आयोग ने भी केंद्र सरकार को दशकों पुराने अलग रेल बजट के इस चलन को खत्म करने की सलाह दी थी. अलग-अलग प्राधिकरण के साथ मंथन के बाद सरकार ने रेलवे बजट को आम बजट में मिलाने का फैसला किया.

अब देश की अर्थव्यवस्था के बढ़ते आकार और रेलवे के कामकाज में कमाई की हिस्सेदारी कम होने की वजह से तय किया गया कि अब दोनों बजट एक साथ पेश किए जाएंगे. केंद्र सरकार ने फैसला किया कि अब दोनों बजट एक साथ आएंगे. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 92 साल पुरानी अलग रेलवे बजट की प्रथा को खत्म कर दिया. साल 2017 से रेलवे बजट की घोषणाएं भी आम बजट में ही वित्त मंत्री करने लगे.

आम बजट में रेलवे बजट को मिलाने के साथ ही तत्कालीन वित्त मंत्री जेटली ने बजट पेश करने की तारीख भी बदल दी. आम बजट अब करीब एक महीना पहले एक फरवरी को पेश होने लगा है. बता दें कि इससे पहले रेल मंत्री आम बजट से एक दिन पहले रेलवे बजट संसद में पेश करते थेे. गौरतलब है कि यूनियन बजट की तुलना में अब रेलवे बजट का हिस्सा बहुत कम है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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