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निजीकरण पर कांग्रेस का विरोध: राहुल की केंद्र पर भड़ास, हमें बनाने में 70 साल लगे, पीएम ने कुछ सालों में ही बेच डाला

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मानसून सत्र के दौरान मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाने के बाद कांग्रेस उत्साहित है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और वायनाड से सांसद राहुल गांधी केंद्र सरकार की नीतियों पर ट्विटर के माध्यम से लगातार हमला करते रहे हैं.

19 अगस्त को सोनिया गांधी ने विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक की थी, जिसमें केंद्र सरकार के खिलाफ साल 2024 के लोकसभा चुनाव तक एकजुट रहने का आह्वान भी किया गया.

राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जबरदस्त हमला बोला. दिल्ली में मंगलवार शाम 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल ने केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए. ‘कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) प्रोग्राम पर सवाल उठाते हुए मोदी सरकार को घेरा, राहुल ने कहा कि यूपीए सरकार ने पिछले 70 सालों में जो भी कुछ बनाया, उसे पीएम ने कुछ ही सालों में बेच दिया’.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें निजीकरण के खिलाफ नहीं है. हमारा निजीकरण तार्किक था. घाटे वाली कंपनी का निजीकरण करते थे न कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण विभाग की. अब निजीकरण मोनोपोली बनाने के लिए किया जा रहा है. मोनोपोली से रोजगार मिलना बंद हो जाएगा’.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि सड़क मार्ग, रेलवे, बिजली क्षेत्र, पेट्रोलियम पाइप लाइन, टेलिकॉम, वेयरहाउसिंग, खनन, एयरपोर्ट, पोर्ट, स्टेडियम ये सब किसको जा रहा है? इन सबको बनाने में 70 साल लगे हैं.

राहुल ने कहा कि जैसे ही एकाधिकार बनता जाएगा उसी तेजी से आपको रोजगार मिलना बंद हो जाएगा. इस देश में जो छोटे और मध्यम व्यवसाय हैं जो कल आपको रोजगार देंगे वो खत्म हो जाएंगे.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हिन्दुस्तान की पूंजी बेची जा रही है और ये आपका भविष्य भी बेचा जा रहा है. सांसद गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी अपने दो-तीन उद्योगपति मित्रों के साथ हिन्दुस्तान के युवा पर आक्रमण कर रहे हैं.

उन्होंने दावा किया कि सरकार ने 400 स्टेशन, 150 ट्रेनें, पावर ट्रांसमिशन का नेटवर्क, पेट्रोलियम का नेटवर्क, सरकारी गोदामों, 25 एयरपोर्ट और 160 कोयला खदानों को बेच दिया. ईस्ट इंडिया कंपनी के समय भी एकाधिकार था, हम गुलामी की तरफ बढ़ रहे हैं.

यहां हम आपको बता दें कि सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह लाख करोड़ रुपये की नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइल के तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डे, सड़कें और स्टेडियम का मुद्रीकरण शामिल हैं.

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा था कि इसके जरिए अगले चार वर्षों में विनिवेश किए जाने वाली सरकार की बुनियादी ढांचा संपत्तियों की सूची तैयार की जाएगी. वित्त मंत्रालय का लक्ष्य इसके जरिए 6 लाख करोड़ रुपये जुटाना है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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