ताजा हलचल

रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर राहुल गांधी ने की मोदी सरकार की आलोचना

0
राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में हमने एक नया आर्थिक पैराडाइन देखा है. एक तरफ डिमोनेटाइजेशन और दूसरी तरफ मोनेटाइजेशन.

पहले मोदी जी ने कहा कि वह डिमोनेटाइजेशन कर रहे हैं और वित्त मंत्री कहती हैं कि वह मोनेटाइजेशन कर रही हैं. लोग पूछ रहे हैं कि मोनेटाइजेशन में क्या हो रहा है, और डिमोनेटाइजेशन में क्या किया जा रहा है? किसान, मजदूर, छोटे और मध्यम व्यवसाय, एमएसएमई, वेतनभोगी वर्ग, सरकारी कर्मचारी और ईमानदार उद्योगपति का डिमोनेटाइजेशन हो रहा हैं. किसका मोनेटाइजेशन हो रहा है- वो हैं नरेंद्र मोदी जी के 4-5 दोस्त.

राहुल ने कहा कि मोदी जी कहते रहते हैं कि जीडीपी बढ़ रही है, वित्त मंत्री का कहना है कि जीडीपी ऊपर की ओर प्रोजेक्शन दिखा रही है. तब मुझे समझ में आया कि जीडीपी से इसका क्या मतलब है. इसका मतलब है ‘गैस-डीजल-पेट्रोल’. उन्हें यह भ्रम है.

2014 में जब यूपीए ने छोड़ा था तो एलपीजी सिलेंडर की कीमत 410 रुपए प्रति सिलेंडर थी. आज इसकी कीमत 885 रुपए प्रति सिलेंडर है- 116% की वृद्धि हुई है. 2014 में पेट्रोल 71.5 रुपए प्रति लीटर था, आज यह 101 रुपए प्रति लीटर है – 42% की वृद्धि हुई है. 2014 में डीजल की कीमत 57 रुपए प्रति लीटर थी, आज यह 88 रुपए प्रति लीटर है.

उन्होंने कहा, ‘लोग तर्क दे सकते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि हुई है। 2014 में यूपीए सरकार के दौरान कच्चे तेल की कीमत 105 रुपये थी, आज यह 71 रुपये है – यह हमारे समय में 32% अधिक थी। हमारे समय में गैस की कीमत 880 रुपए थी, आज यह 653 रुपए है- 26% कम है। पेट्रोल और डीजल का अर्थव्यवस्था के हर भाग में कहीं न कहीं इनपुट होता है;

जब पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते हैं तो एक डायरेक्ट चोट लगती है और एक इनडायरेक्ट चोट लगती है। जीडीपी के माध्यम से सरकार ने 23 लाख करोड़ रुपए कमाए- ये सकल घरेलू उत्पाद नहीं बल्कि गैस-डीजल-पेट्रोल है। कहां गए ये 23 लाख करोड़ रुपए?’

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version