सीमा और जमीनी विवाद के मुद्दे पर असम और मिजोरम में खूनी संघर्ष हो गया, खूनी झड़प में असम के 6 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. अब इस विषय पर संसद में भी सवाल उठा और राहुल गांधी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर देश को एक रखने में नाकाम रहे हैं, उन्होंने घृणा के जो बीज बोए उसका नतीजा अब देश भुगत रहा है.
संघर्ष के बाद मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और असम के उनके समकक्ष हिमंत बिस्वा सरमा के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया जिसके कारण गृह मंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ा. असम पुलिस ने कहा कि मिजोरम के बदमाश असम की जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए लैलापुर में तैनात असम सरकार के अधिकारियों पर पथराव और हमला कर रहे थे.
असम सरकार ने सोमवार को पड़ोसी राज्य से अपने लोगों और पुलिस कर्मियों को अवांछित हिंसा में शामिल होने से रोकने और संघर्ष में उसके छह कर्मियों के मारे जाने के बाद शांति बहाल करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया.
मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने कहा कि आईजीपी, असम पुलिस के नेतृत्व में लगभग 200 असम सशस्त्र पुलिस वैरेंगटे ऑटो-रिक्शा स्टैंड पर आई. उन्होंने वहां तैनात सीआरपीएफ कर्मियों द्वारा जबरन ड्यूटी पोस्ट को पार किया और मिजोरम पुलिस द्वारा तैनात एक ड्यूटी पोस्ट को पार कर लिया.
आंसू गैस के गोले दागे. मिजोरम पुलिस में शुरू किया गया था और उसके बाद असम की ओर से गोलीबारी की गई थी. मिजोरम पुलिस ने असम पुलिस पर वापस फायरिंग करके जवाब दिया इस तथ्य के बावजूद कि एसपी, कोलासिब जिला सीआरपीएफ ड्यूटी कैंप के अंदर असम पुलिस के साथ बातचीत कर रहा था.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. यह शर्म की बात है! केंद्र और राज्य दोनों में, यह भाजपा सत्ता में है. राज्य सरकार कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं है. दो राज्यों को बर्खास्त करें. कम से कम किसी को तो जवाबदेह होना पड़ेगा.