कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अमेरिका के पूर्व अंडर सेक्रेटरी, स्टेट फॉर पोलिटिकल अफेयर्स और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर निकोलस बर्न्स से बातचीत में ने कहा कि भारत में जो कुछ इस समय हो रहा है उस मामले में अमेरिका की तरफ से किसी तरह की प्रतिक्रिया क्यों नहीं आती है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य दल जैसे बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भारत के संस्थागत ढांचे के थोक कब्जा” और “एक निरपेक्ष वित्तीय और मीडिया प्रभुत्व” के कारण चुनाव नहीं जीत रही हैं .
निकोलस बर्न्स के साथ बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए उन्हें संस्थागत संरचनाओं की जरूरत है, एक न्यायिक प्रणाली जो उनकी रक्षा कर सके. एक मीडिया जो कि मुक्त और वित्तीय तौर पर निर्भर दूसरे पर निर्भर ना हो. बराबरी का एक पूरा सेट जो वास्तव में राजनीतिक पार्टी संचालित करने की अनुमति देता है. लेकिन दुर्भाग्य से वह उनके पास नहीं है.
असम ईवीएम के मुद्दे को उठाते हुए राहुल गांधी कहते हैं कि जो सज्जन हमारे अभियान को चलाते हैं, वे कारों में वोटिंग मशीनों के आसपास के वीडियो भेज रहे हैं, हालांकि राष्ट्रीय मीडिया में कुछ भी नहीं चल रहा है. लेकिन राहुल गांधी के इस तरह के आरोप में दम नहीं है क्योंकि कई प्रमुख समाचार पत्रों और डिजिटल समाचार वेबसाइटों ने विस्तार से रिपोर्ट को बताया है.
उन्होंने कहा कि जिन संस्थानों को निष्पक्ष राजनीतिक लड़ाई का समर्थन करना चाहिए वे अब ऐसा नहीं करते हैं. चुनाव आयोग ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया, जो असम में दूसरे दौर के मतदान के बाद पत्थरकंडी निर्वाचन क्षेत्र में एक भाजपा उम्मीदवार की कार में ईवीएम पाए गए थे.
चुनाव आयोग के विशेष पर्यवेक्षक ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने के इरादे से कोई जानबूझकर या दुर्भावनापूर्ण इरादे से नहीं कहा गया था कि यह घटना एक अलग पीठासीन अधिकारी और उनकी टीम की लापरवाही और मूर्खता के कारण प्रतीत होती है.
आयोग ने विवाद के बाद असम के रताबारी विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र पर फटकार लगाने का आदेश दिया. चुनाव आयोग ने पीठासीन अधिकारी और तीन अन्य अधिकारियों के निलंबन का भी आदेश दिया है.