कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों विभिन्न मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. राहुल ने सोमवार को भी ट्विटर के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर निशाना साधा. कोरोना वायरस के बढ़ते आंकड़े और घटती जीडीपी के मसले पर राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार देश को संकट में पहुंचाकर समाधान ढूंढने की बजाय शुतुरमुर्ग बन जाती है.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘हर गलत दौड़ में देश आगे है- कोरोना संक्रमण के आंकड़े हों या जीडीपी में गिरावट. मोदी सरकार देश को संकट में पहुंचाकर समाधान ढूंढने की बजाय शुतुरमुर्ग बन जाती है.’ बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों में भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश बन गया है. वहीं, गिरती अर्थव्यवस्था के बीच सरकार की ओर से कई सरकारी कंपनियों के शेयर बेचे जा रहे हैं. एक तरफ एअर इंडिया को खरीदार की तलाश है तो वहीं रेलवे में भी प्राइवेट ट्रेन चलाने की शुरुआत हो चुकी है.
राहुल गांधी के इस ट्वीट पर लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया है. एक यूजर ने राहुल को जवाब देते हुए लिखा- ‘देश और देशवासियों को संकट के समय गलत राह दिखलाकर भटकाने के अलावा कांग्रेस के पास कोई काम नहीं बचा है. वो चाहे कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को भड़काकर सड़कों पर उतारना हो या फिर नीट- जेईई के विद्यार्थियों को उनकी मेहनत के बावजूद सरकार के खिलाफ खड़ा करना हो.’
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा – ‘अगर आपको जीडीपी और देश की सुरक्षा का ज्ञान पहले से होता तो 2014 में जनता को कांग्रेस को सत्ता से फेंकने की जरूरत न पड़ती. समझ रहे हो ना ????’ इसके अलावा एक यूजर ने तो कांग्रेस के अंदर चल रही खींचतान को लेकर ही तंज कस दिया.
इससे पहले रविवार को पोस्ट किए गए वीडियो में राहुल गांधी ने जीएसएटी को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की. राहुल ने आरोप लगाया, ‘यह अर्थव्यवस्था के असंगठित क्षेत्र के लिए दूसरा बड़ा आक्रमण है. इसके दोषपूर्ण कार्यान्वयन ने अर्थव्यवस्था का सर्वनाश कर दिया.’ वीडियो में राहुल ने कहा, ‘जीएसटी यूपीए सरकार का आइडिया था. एक टैक्स, सरल टैक्स और साधारण, लेकिन एनडीए ने इसे जटिल बनाकर रख दिया.’ राहुल ने कहा, ‘एनडीए सरकार द्वारा लागू जीएसटी में चार अलग-अलग टैक्स हैं. 28 प्रतिशत तक टैक्स है और बड़ा जटिल है. समझने को बहुत मुश्किल टैक्स है.’
उन्होंने कहा कि जो छोटे और मझोले व्यापार वाले हैं, वो इस टैक्स को भर ही नहीं सकते जबकि बड़ी कंपनियां बड़ी आसानी से भर सकती हैं, वे पांच-10 अकाउंटेंट लगा सकती हैं. राहुल गांधी ने सवालिया लहजे में कहा, ‘देश में ये चार अलग-अलग टैक्स रेट क्यों हैं. ये ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार चाहती है कि जिसकी जीएसटी तक पहुंच हो वो इसे आसानी से बदल पाए और जिसकी पहुंच न हो वो जीएसटी के बारे में कुछ न कर पाए. हिंदुस्तान के 15-20 उद्योगपतियों की पहुंच है तो वे जो भी टैक्स का कानून वे बदलना चाहते हैं तो वे इस जीएसटी रेजीम में आसानी से बदल सकते हैं.’