लखनऊ| यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य और पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी एक बार फिर चर्चा में बने हुए हैं. इस बार रिजवी ने एक वसीयत तैयार की है जिसमें उन्होंने कई बातों का जिक्र किया है.
वसीयत में उन्होंने मरने की बाद कब्रिस्तान में दफन होने के बजाए श्मशान घाट पर जलाए जाने की इच्छा प्रकट की है और कहा है कि डासना मंदिर के महंत नरसिम्हा नंद सरस्वती द्वारा उन्हें मुखाग्नि दी जाए.
वसीम रिजवी ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘क्योंकि मैंने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों को लेकर चुनौती दी थी जो इंसानियत के प्रति नफरत फैलाती है. अब मुसलमान मुझे मार देना चाहते हैं इसलिए देश और देश के बाहर मेरी हत्या की साजिश रची जा रही है. ऐलान किया जा रहा है कि मुझे किसी कब्रिस्तान में जगह ना दी जाए.
मेरे मरने के बाद शांति बनी रहे इसलिए मैंने एक वसीयतनामा लिखा है जो मैंने प्रशासन को भी भेज दिया है कि मेरा जो शरीर है उसे मेरे हिंदू दोस्त को दे दिया जाए जो लखनऊ में रहते हैं और चिता बनाकर मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए. चिंता में अग्नि स्वामी नरसिंहानंद यति देंगे, ये मैंने उन्हें अधिकृत किया है.’
आपको बता दें कि वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर कुरान से 26 आयतों को हटाने का आग्रह किया था, हालांकि उनकी वह याचिका खारिज हो गई थी जिसके बाद से ही वह मुस्लिम संगठनों के निशाने पर आ गए थे. कई संगठनों ने तो उनकी गिरफ्तारी की मांग भी की थी.