केंद्र की मोदी सरकार ने बजट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसलिए वित्त मंत्रालय में ‘क्वारंटीन’ लागू हो चुका है. इस बार आर्थिक समीक्षा 30 जनवरी को पेश हो चूका. 1 फरवरी को बजट पेश होगा.
हर साल बजट बनाने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही ‘क्वारंटीन’ लागू हो जाता है.आखिर इसे किस मकसद से लागू किया जाता है? यह कब तक लागू रहता है? आइए जानते हैं.
बजट बहुत ही गुप्त तरीके से बनाया जाता है. वहां किसी भी को आने-जाने की इजाजत नहीं होती है. वित्त मंत्रालय के अधिकारियों-कर्मचारियों की बाहरी लोगों से संपर्क पर पाबंदी भी लग जाती है. यह पाबंदी तब तक लागू रहती है, जब तक बजट पेश नहीं कर दिया जाता।
बजट पेश होने तक आम लोगों और मीडिया को वित्त मंत्रालय में नहीं आने दिया जाता है. दिल्ली पुलिस के सहयोग से खुफिया ब्यूरो के लोग बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों के कमरों में जाने वाले लोगों पर निगाह रखी जाती है.
मंत्रालय में ज्यादातर कंप्यूटरों पर ई-मेल की सेवा ब्लॉक रहती है. बता दें कि कल यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ऐसे समय बजट पेश करने जा रही हैं, जब आर्थिक वृद्धि दर सुस्त पड़कर पांच साल के निचले स्तर पर आ गई है.
सितंबर तिमाही में जीडीपी का ग्रोथ रेट घटकर 4.5 फीसदी पर आ गया. इससे भारत ने दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का ताज गंवा दिया.