बुधवार को पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से नवजोत सिद्धू के इस्तीफे के बाद कैबिनेट बुलाई है. उधर सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान सिद्धू के रवैये से नाराज है और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस मसले पर कड़ा फैसला भी ले सकता है.
पार्टी ने सिद्धू को मनाने की जिम्मेदारी सीएम चन्नी को सौंपी है. इसी बीच पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत का चंडीगढ़ दौरा रोक दिया गया है और वे सियासी उथलपुथल के बीच चंडीगढ़ नहीं जाएंगे.
कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी आलाकमान ने अभी तक सिद्धू से बात नहीं की है और उनका इस्तीफा भी स्वीकार नहीं किया है. पार्टी सिद्धू को टाइम देना चाहती है.
लेकिन अगर वे तैयार नहीं होते हैं, पार्टी कड़ा फैसला भी ले सकती है. साथ ही उन मंत्रियों के खिलाफ पार्टी एक्शन ले सकती है, जो सीएम चन्नी की बुलाई बैठक में भी नहीं पहुंचेंगे.
बता दें सिद्धू ने मंगलवार को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. सिद्धू के अलावा कुछ अन्य लोगों के इस्तीफे के कारण राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में एक नया संकट पैदा हो गया है.
सिद्धू के इस्तीफे के कुछ ही घंटे बाद सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में 18 सदस्यीय नये मंत्रिमंडल में शामिल रजिया सुल्ताना ने भी पूर्व क्रिकेटर के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अपना इस्तीफा दे दिया.
पंजाब की कांग्रेस इकाई के महासचिव योगिन्दर ढिंगरा और कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है. इस राजनीतिक संकट के बीच कई नेता सिद्धू के पटियाला स्थिति आवास पर उनसे मिलने भी पहुंचे.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा है कि वह पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे. सिद्धू ने अमरिंदर सिंह के साथ नेतृत्व को लेकर खींचतान के बीच इसी साल जुलाई में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था. अमरिंदर सिंह ने दस दिन पहले पार्टी आलाकमान पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. सिद्धू ने यह नहीं बताया कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया.
लेकिन पार्टी हलकों में इसकी वजह नये सीएम द्वारा उपसीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा को गृह विभाग आवंटित किए जाने, नए कार्यवाहक पुलिस प्रमुख और राज्य के महाधिवक्ता की नियुक्ति पर उनकी नाराजगी मानी जा रही है.
सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं.’ उन्होंने लिखा, ‘इसलिए, मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं. कांग्रेस की सेवा करना जारी रखूंगा.’