बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात की. राज्य सरकार ने बताया कि बैठक के दौरान सीएम ने पीएम से विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने और संबंधित कानून में संशोधन करने के लिए तुरंत कदम उठाने का आग्रह किया, ताकि किसानों को मुफ्त कानूनी सहायता श्रेणी में शामिल किया जा सके.
लंबे समय तक (किसान) चलने वाले आंदोलन की ओर इशारा करते हुए पंजाब के सीएम ने कहा कि इसमें पंजाब और देश के लिए सुरक्षा खतरे पैदा करने की क्षमता है, क्योंकि पाकिस्तान समर्थित भारत विरोधी ताकतें सरकार के साथ किसानों के असंतोष का फायदा उठाने की कोशिश कर रही हैं. इस आंदोलन में 400 से अधिक किसानों और श्रमिकों की जान चली गई है.
पंजाब सरकार ने आगे बताया कि पीएम के साथ अपनी बैठक के दौरान पंजाब के सीएम ने कहा कि निरंतर आंदोलन न केवल पंजाब में आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित करने की क्षमता रखता है, खासकर जब राजनीतिक दल और समूह मजबूत रुख अपना लेते हैं.
इससे पहले अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे किसानों के लंबे समय से चल रहे आंदोलन के सामाजिक, आर्थिक और सुरक्षा प्रभावों का हवाला देते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील की.
सिंह ने पंजाब के सीमावर्ती राज्य होने का हवाला देते हुए पाकिस्तान समर्थित आतंकी ताकतों से बचाव के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 25 कंपनियां तथा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए ड्रोनरोधी उपकरणों की भी मांग की.