नई दिल्ली| पीएम मोदी एक बार फिर मन की बात’ के जरिए देशवासियों को सबोधित किया. इस दौरान उन्होंने नए कृषि कानूनों और कोविड वैक्सीन का भी जिक्र किया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियों नमस्कार.
मैं आप आपके सामने एक खुशखबरी साझा करना चाहता हूं कि कनाडा से एक 100 साल पुरानी देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति वापस आ रही है. ये मूर्ति काशी से चोरी हो गई थी. माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की तरह ही, हमारी विरासत की अनेक अनमोल धरोहरें, अंतर्राष्ट्रीय गिरोंहों का शिकार होती रही हैं. ये गिरोह, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में, इन्हें, बहुत ऊँची कीमत पर बेचते हैं. अब, इन पर, सख्ती तो लगायी ही जा रही है, इनकी वापसी के लिए, भारत ने अपने प्रयास भी बढ़ायें हैं.’
जानें पीएम मोदी की ‘मन की बात’ की विशेष
– करीब-करीब एक साल हो रहे हैं, जब, दुनिया को कोरोना के पहले मामले के बारे में पता चला था! हमें, कोरोना के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई को मज़बूती से जारी रखना है. देश के बड़े हिस्से में सर्दी का मौसम भी जोर पकड़ रहा है . अनेक जगहों पर बर्फ़-बारी हो रही है . इस मौसम में हमें परिवार के बच्चों और बुजुर्गों का, बीमार लोगों का विशेष ध्यान रखना है, खुद भी सावधानी बरतनी है.
– मेरे प्यारे देशवासियों, भारत मे खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे है. बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं. इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में, किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है. काफ़ी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरुप दिया. इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बन्धन समाप्त हुये हैं , बल्कि उन्हें नये अधिकार भी मिले हैं, नये अवसर भी मिले हैं. कानून में एक और बहुत बड़ी बात है, इस क़ानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एस.डी.एम(SDM) को एक महीने के भीतर ही किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा.
– मेरे प्यारे देशवासियो, 5 दिसम्बर को श्री अरबिंदो की पुण्यतिथि है. श्री अरबिंदो को हम जितना पढ़ते हैं, उतनी ही गहराई, हमें, मिलती जाती है. मेरे युवा साथी श्री अरबिंदो को जितना जानेंगें, उतना ही अपने आप को जानेंगें, खुद को समृद्ध करेंगें. जीवन की जिस भाव अवस्था में आप हैं, जिन संकल्पों को सिद्ध करने के लिए आप प्रयासरत हैं, उनके बीच, आप, हमेशा से ही श्री अरबिंदो को एक नई प्रेरणा देते पाएंगें, एक नया रास्ता दिखाते हुए पाएंगें. जैसे, आज, जब हम, ‘लोकल के लिए वोकल’ इस अभियान के साथ आगे बढ़ रहे हैं तो श्री अरबिंदो का स्वदेशी का दर्शन हमें राह दिखता है.
– जब कुछ लौटाने की बात आती है तो कुछ भी बड़ा या छोटा नहीं होता है. छोटे से छोटी मदद भी मायने रखती है. हर प्रयास महत्वपूर्ण होता है. मुझे लगता है कि भारत के विश्वविद्यालय भी इस culture को institutionalize करने में सक्षम है. जहाँ आपके व्यक्तित्व का विकास हुआ है, वहाँ के विकास के लिए आप कुछ करें इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है ? मैंने, कुछ ऐसे प्रयासों के बारे में पढ़ा है, जहाँ, पूर्व विद्यार्थियों ने, अपने पुराने संस्थानों को बढ़-चढ़ करके दिया है. मेरे युवा दोस्तो, आप तब तक ही किसी संस्थान के विद्यार्थी होते हैं जब तक आप वहाँ पढाई करते हैं, लेकिन, वहाँ के alumni, आप, जीवन-भर बने रहते हैं. School, college से निकलने के बाद दो चीजें कभी खत्म नहीं होती हैं – एक, आपकी शिक्षा का प्रभाव, और दूसरा, आपका, अपने school, college से लगाव.
– मेरी भागदौड़ की ज़िन्दगी में, मुझे भी, पिछले दिनों केवड़िया में, पक्षियों के साथ, समय बिताने का बहुत ही यादगार अवसर मिला. पक्षियों के साथ बिताया हुआ समय, आपको, प्रकृति से भी जोड़ेगा, और, पर्यावरण के लिए भी प्रेरणा देगा. मैं, हमेशा से Bird watching के शौकीन लोगों का प्रशंसक रहा हूं. बहुत धैर्य के साथ, वो, घंटों तक, सुबह से शाम तक, Bird watching कर सकते हैं, प्रकृति के अनूठे नजारों का लुत्फ़ उठा सकते हैं, और, अपने ज्ञान को हम लोगों तक भी पहुंचाते रहते हैं. साथियो, इस महीने 12 नवंबर से डॉक्टर सलीम अली जी का 125वाँ जयंती समारोह शुरू हुआ है. डॉक्टर सलीम ने पक्षियों की दुनिया में Bird watching को लेकर उल्लेखनीय कार्य किया है.
– साथियो, महामारी ने एक ओर जहाँ, हमारे काम करने के तौर-तरीकों को बदला है, तो दूसरी ओर प्रकृति को नये ढंग से अनुभव करने का भी अवसर दिया है. प्रकृति को देखने के हमारे नज़रिये में भी बदलाव आया है. हाल ही में, एक interesting project के बारे में पढ़ रहा था. नॉर्वे के उत्तर में Svalbard नाम का एक द्वीप है. इस द्वीप में एक project, Arctic world archive बनाया गया है. अभी हाल ही में, यह भी जानकारी आयी है, कि, अजन्ता गुफाओं की धरोहर को भी digitize करके इस project में संजोया जा रहा है. इसमें, अजन्ता गुफाओं की पूरी झलक देखने को मिलेगी. इसमें, digitalized और restored painting के साथ-साथ इससे सम्बंधित दस्तावेज़ और quotes भी शामिल होंगे. जहां एक ओर सांस्कृतिक धरोहरों को technology के माध्यम से अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुंचाना अहम् है, वहीँ, इन धरोहरों के संरक्षण के लिए technology का उपयोग भी महत्वपूर्ण है.
– World Heritage Week, संस्कृति प्रेमियों के लिये, पुराने समय में वापस जाने, उनके इतिहास के अहम् पड़ावों को पता लगाने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है. Crisis में culture बड़े काम आता है, इससे निपटने में अहम् भूमिका निभाता है. Technology के माध्यम से भी culture, एक, emotional recharge की तरह काम करता है.
‘मन की बात’ में बोले पीएम मोदी- खेती में नए आयाम जुड़ रहे हैं, किसानों की सालों पुरानी मांग हुई पूरी
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