रविवार को पीएम मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संक्रमण के इस संकट के बीच कहानियों के महत्व का जिक्र किया.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘कहानियों का इतिहास उतना ही पुराना है, जितनी मानव सभ्यता. कहानी की ताकत महसूस करना हो तो किसी मां को अपने बच्चों को खाना खिलाते वक्त कहानियां सुनाते हुए सुनें. भारत में किस्सागोई की परंपरा रही है.
हमें गर्व है कि हम उस देश के वासी हैं, जहां ‘हितोपदेश’ और ‘पंचतंत्र’ की परंपरा रही है. जहां कहानियों में पशु-पक्षियों और परियों की काल्पनिक दुनिया गढ़ी गयी, ताकि, विवेक और बुद्धिमता की बातों को आसानी से समझाया जा सके.’
मन की बात में पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि आप लोग ज़रूर इस काम को करेंगे.
कहानी कहने की ये कला देश में और अधिक मजबूत बनें, और अधिक प्रचारित हो और सहज बने, इसलिए, आओ हम सब प्रयास करें.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं, कथा सुनाने वाले, सबसे, आग्रह करूँगा, हम, आज़ादी के 75 वर्ष मनाने जा रहें हैं, क्या हम हमारी कथाओं में पूरे गुलामी के कालखंड की जितनी प्रेरक घटनाएं हैं, उनको, कथाओं में प्रचारित कर सकते हैं! विशेषकर, 1857 से 1947 तक, हर छोटी-मोटी घटना से, अब, हमारी नयी पीढ़ी को, कथाओं के द्वारा परिचित करा सकते हैं.
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं ज़रूर आपसे आग्रह करूँगा, परिवार में, हर सप्ताह, आप, कहानियों के लिए कुछ समय निकालिए.… आप देखिये कि परिवार में कितना बड़ा खजाना हो जाएगा, रीसर्च का कितना बढ़िया काम हो जाएगा, हर किसी को कितना आनन्द आएगा और परिवार में एक नयी प्राण, नयी ऊर्जा आएगी. उसी प्रकार से हम एक काम और भी कर सकते हैं.’