‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ से जुड़े कार्यक्रम को पीएम मोदी ने किया संबोधित-पढ़े भाषण के खास अंश

ब्रह्मकुमारी संस्था के द्वारा ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’, कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है. इस कार्यक्रम में स्वर्णिम भारत के लिए भावना भी है, साधना भी है. इसमें देश के लिए प्रेरणा भी है, ब्रह्मकुमारियों के प्रयास भी है.

राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है. हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है, और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है. ये भाव, ये बोध नए भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है. आज देश जो कुछ कर रहा है उसमें ‘सबका प्रयास’ शामिल है.

पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण के खास अंश

  1. आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो, एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जो समानता औऱ सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा हो, हम एक ऐसे भारत को उभरते देख रहे हैं, जिसकी सोच और अप्रोच नई है, और जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं.
  2. कित्तूर की रानी चेनम्मा, मतंगिनी हाजरा, रानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारी बाई से लेकर सामाजिक क्षेत्र में अहल्याबाई होल्कर और सावित्रीबाई फुले तक, इन देवियों ने भारत की पहचान बनाए रखी.
  3. कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं. और अमृत महोत्सव में देश जिस स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहा है, उसमें भी कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिये हैं.
  4. दुनिया जब अंधकार के गहरे दौर में थी, महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी, तब भारत मातृशक्ति की पूजा, देवी के रूप में करता था. हमारे यहाँ गार्गी, मैत्रेयी, अनुसूया, अरुंधति और मदालसा जैसी विदुषियाँ समाज को ज्ञान देती थीं.

ब्रह्मा कुमारियों की सात पहलों की पीएम मोदी ने की शुरुआत
कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ब्रह्मा कुमारियों की सात पहलों की शुरुआत की. इन पहलों में ‘मेरा भारत स्वस्थ भारत’; आत्मनिर्भर भारत: आत्मनिर्भर किसान; महिलाएं: भारत की ध्वजवाहक; अनदेखा भारत साइकिल रैली; एकजुट भारत मोटर बाइक अभियान और स्वच्छ भारत अभियान के तहत हरित पहलें शामिल हैं. कार्यक्रम के दौरान, ग्रैमी पुरस्कार विजेता रिकी केज द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित एक गीत भी जारी किया जाएगा.

विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन है ब्रह्मा कुमारी
ब्रह्मा कुमारी एक विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन है, जो व्यक्तिगत परिवर्तन और विश्व नवीनीकरण के लिए समर्पित है. 1937 में भारत में स्थापित ब्रह्मा कुमारी आंदोलन 130 से अधिक देशों में फैल चुका है. प्रजापिता ब्रह्माकुमार ईश्वरीय विवि एवं भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में इस समारोह को आयोजित किया जा रहा है.

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