रविवार को कई राज्यों के चुनावी दौरे से ब्रेक लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना प्रबंधन के सिलसिले में हाईलेवल मीटिंग बैठक समाप्त हो गई है. इस बैठक में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से संबंधित मुद्दों और कोरोना के वैक्सीनेशन अभियान की समीक्षा की गई.
हालातों पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिए की कोरोना पर काबू पाने के लिए समुदाय की जागरूकता और इसकी भागीदारी सर्वोपरि है और कोविड-19 प्रबंधन के लिए जन भागदारी और जन आंदोलन जारी रखने की आवश्यकता है.
कोरोना के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को 5 सूत्रीय प्लान बताया. प्रधानमंत्री मोदी ने उल्लेख किया कि टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, कोविड के नियमों का पालन और वैक्सीनेशन यदि पूरी तरह गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ लागू की जाती है तो यह महामारी के प्रसार को रोकने में प्रभावी होगी.
कोरोना से बचाव के लिए 6 से 14 अप्रैल तक देशभर में एक विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसमें 100 फीसदी मास्क का इस्तेमाल, व्यक्तिगत स्वच्छता और सार्वजनिक स्थानों / कार्यस्थलों पर स्वच्छता कितनी आवश्यक है इसके बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी.
बता दें कि पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 93,249 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 513 मौतें हो चुकी हैं. देश में एक बार फिर से कोरोना का खतरा बढ़ने के बाद केंद्र सरकार पहले ही गाइडलाइंस जारी कर चुकी है. राज्य भी अपने स्तर पर निर्णय करने में जुटे हैं. मास्क पहनने से लेकर हर तरह की सावधानी बरतने की जनता से अपील की जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अप्रैल से तीन अप्रैल तक लगातार पश्चिम बंगाल, असम, केरल और तमिलनाडु जैसे चुनावी राज्यों के दौरे पर रहे. उन्होंने तीन दिन में चार राज्यों में दस जनसभाएं कीं. इसके बाद रविवार को उन्होंने चुनावी अभियान से ब्रेक लेते हुए कोरोना के खतरे से देश को बचाने के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाने का निर्णय लिया.