पीएम मोदी की सुरक्षा चूक पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चिंता जाहिर की और इसके बाद उन्हें मिलने के लिए राष्ट्रपति भवन बुलाया. पीएम मोदी शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन गए और राष्ट्रपति कोविंद से मिलकर इस घटना की पूरी जानकारी दी. पीएम मोदी की सूरक्षा का चूक का मसला काभी गंभीर हो गया है.
अभी तक जो तथ्य सामने आए हैं उन्हें देखने से पंजाब पुलिस एवं पंजाब सरकार की गंभीर लापरवाही सामने आई है. पंजाब पुलिस और मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी सरकार सवालों के घेरे में है. पीएम की सुरक्षा में चूक का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है.
शीर्ष अदालत में इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी. हालांकि, इस मामले की जांच के लिए पंजाब सरकार ने एक समिति बनाई है. यह समिति तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. गृह मंत्रालय ने भी पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. पीएम मोदी बुधवार को पंजाब में थे.
वह बठिंडा एयरपोर्ट से सड़क मार्ग के जरिए राष्ट्रीय शहीद संग्रहालय जा रहे थे. उनका काफिला जब हुसैनवाला फ्लाईओवर के पास पहुंचा तो प्रदर्शनकारी वहां पहले से जमा थे.
फ्लाईओवर पर प्रदर्शनकारियों की मौजूदगी होने से पीएम का काफिला करीब 20 मिनट तक फंसा रहा. इस दौरान पीएम की सुरक्षा में तैनात एसपीजी ने सीएम चन्नी और सीएम कार्यालय से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं मिला.
पीएम मोदी की सुरक्षा में सेंधमारी गंभीर मसला बन गया है. पीएम की सुरक्षा में चूक पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं. पंजाब के सीएम चन्नी का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि पीएम मोदी सड़क मार्ग से आ रहे हैं.
चन्नी ने कहा कि उनका पीएम और एक करीबी व्यक्ति कोरोना की चपेट में आए हैं. ऐसे में कैबिनेट ने उन्हें राय दी कि वह पीएम को रिसीव करने न जाएं.
कांग्रेस का दावा है कि फिरोजपुर रैली में लोग बहुत कम थे और इस बात की जानकारी जब पीएम को हुई तो उन्होंने वापस लौटने का फैसला किया.
इस बीच, पंजाब प्रदेश अध्यक्ष अश्विन शर्मा के नेतृत्व में भाजपा का एक शिष्टमंडल राज्यपाल से मिला है. शिष्टमंडल ने पीएम की सुरक्षा में चूक का मुद्दा राज्यपाल के साथ उठाया है और इस पूरे मामले की जानकारी दी है.