चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया है. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार किशोर ने कहा- ‘मैं आपके प्रधान सलाहकार के रूप में जिम्मेदारियों को संभालने में सक्षम नहीं हूं.
मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करने की कृपा करें.’ रिपोर्ट के अनुसार किशोर ने कहा- ‘जैसा कि आप जानते हैं मैं सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका से कुछ दिनों के लिए आराम चाहता हूं.
ऐसे में मैं आपके प्रधान सलाहकार के रूप में जिम्मेदारियों को संभालने में सक्षम नहीं हूं. भविष्य में क्या करूंगा, इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करें.’
बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद प्रशांत किशोर ने घोषणा की थी कि वह अब चुनावी रणनीतिकार की भूमिका से मुक्त होंगे. इसके बाद से ही उनके एक बार फिर से सक्रिय राजनीति में कदम रखने की संभावना जताई जा रही है. वह कुछ साल पहले जनता दल (यू) में शामिल हुए थे, हालांकि बाद में उनको अलग होना पड़ा.
किशोर ने यह फैसला ऐसे वक्त लिया है जब उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हैं. उनके इस्तीफे के बाद इन अटकलों को और बल मिला है. पार्टी सूत्रों ने बीते महीने जानकारी थी कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 22 जुलाई को यह बैठक बुलाई थी और इसका मुख्य एजेंडा पार्टी में शामिल होने की स्थिति में प्रशांत किशोर को दी जाने वाली भूमिका और इससे पार्टी को होने वाले हानि-लाभ पर चर्चा करना था.
राहुल गांधी के आवास पर हुई इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, कमलनाथ, अंबिका सोनी, हरीश रावत, केसी वेणुगोपाल और कुछ अन्य नेता शामिल हुए थे. सूत्रों ने बताया था कि बैठक में शामिल अधिकततर नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि प्रशांत किशोर का कांग्रेस में शामिल होना पार्टी के लिए फायदेमंद होगा. हालांकि कांग्रेस में शामिल होने को लेकर ना किशोर की ओर से कुछ कहा गया है और कांग्रेस ने भी इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है.