उत्तरकाशी| उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट-गोवर्द्धन पूजा के पावन पर्व पर रविवार को शीतकाल के दौरान श्रद्धालुओं के लिए बंद हो गए.
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि विधिवत पूजा अर्चना के बाद दोपहर बाद 12 बजकर 15 मिनट पर मां गंगा को समर्पित गंगोत्री धाम के कपाट बंद हुए.
कपाट बंद होने के अवसर पर गंगोत्री के भाजपा विधायक गोपाल सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और तीर्थ पुरोहित मौजूद थे.
इससे पहले सुबह उदय बेला में मां गंगा के मुकुट को उतारा गया और इस बीच श्रद्धालुओं ने मां गंगा की भोग मूर्ति के दर्शन किए जिसके बाद अमृत बेला के अभिजीत मुहूर्त पर कपाट बंद किए गए.
बाद में मां गंगा की उत्सव डोली उनके शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा के लिए रवाना हुई. इस दौरान गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल सहित अन्य धार्मिक और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे. कपाट बंद होने तथा उत्सव डोली के प्रस्थान के दौरान सामाजिक दूरी का पालन किया गया.
इस वर्ष कोविड-19 के कारण देर से जुलाई में शुरू हुई यात्रा के दौरान 23,500 श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए.
कल 16 नवंबर को भैयादूज के अवसर पर केदारनाथ धाम के कपाट प्रात: 8.30 बजे एवं यमुनोत्री धाम के कपाट दिन में 12 बजकर 15 मिनट पर बंद होंगे. बदरीनाथ धाम के कपाट गुरुवार 19 नवंबर को शाम 3 बजकर 35 मिनट पर बंद होंगे.