भगवान विष्णु के भक्तों को पूरे साल जिस एकादशी व्रत का इंतजार होता है, वह होती है देव उठनी एकादशी. ये एकादशी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई है.
इस एकादशी से चातुर्मास समाप्त होता है और मंगल कार्यों की शुरुआत होती है. भगवान विष्णु योगनिद्रा से उठते हैं और जगत में नई ऊर्जा का संचार होता है.
इस साल देवउठनी एकादशी 25 नवंबर, बुधवार को है. इसे ही देवोत्थान, देव प्रबोधिनी एकादशी कहा गया है. इसी दिन तुलसी विवाह भी किया जाता है.
बन रहे कई शुभ योग
कार्तिक माह शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि 25 नवंबर, बुधवार को है. एकादशी तिथि 24 नवंबर की रात 2:43 बजे शुरू होगी. तिथि का समापन 26 नवंबर, गुरुवार सुबह 05:11 बजे पर होगा. 25 नवंबर को पूरे दिन एकादशी तिथि रहेगी.
एकादशी तिथि के दिन कई शुभ योग हैं. तिथि की शुरुआत ही सर्वाथसिद्धि योग में होगी. इसके अलावा बुधवार को रवि योग और सिद्धि योग है.
तुलसी विवाह
देवउठनी एकादशी के दिन धूमधाम से तुलसी विवाह होता है. तुलसी जी को विष्णु प्रिया भी कहा जाता है, इसलिए देव जब उठते हैं तो हरिवल्लभा तुलसी की प्रार्थना ही सुनते हैं. देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी जी का विवाह शालिग्राम से की जाती है.