अभिनेत्री जयाप्रदा की राजनीति समाजवादी नेता दिवंगत अमर सिंह के ही इर्द-गिर्द घूमती रही. हालांकि जयाप्रदा ने राजनीतिक सफर की शुरुआत साल 1994 से की थी. उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी से जुड़कर राजनाति में कदम रखा. 1996 में टीडीपी ने जयाप्रदा को राज्यसभा सांसद बनाया.
लेकिन जब उन्हें दोबारा राज्यसभा के लिए नामित नहीं किया गया तो वो नाराज हो गईं. इसके बाद जया ने उत्तर भारत की ओर रुख कर उत्तर प्रदेश का राजनीतिक दल समाजवादी पार्टी को चुना. जयाप्रदा को समाजवादी पार्टी में लाने वाले अमर सिंह थे.
साल 2004 में वो समाजवादी से जुड़ीं और रामपुर से सांसद भी रहीं. जयाप्रदा सपा के टिकट पर रामपुर से दो बार लोकसभा सांसद रहीं. पार्टी में बढ़ी अंदरूनी कलह के बाद जया का सफर समाजवादी पार्टी में लंबा न चल सका और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के चलते जयाप्रदा को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.
समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद अमर सिंह ने राष्ट्रीय लोक दल ज्वाइन कर ली. उसके बाद जयाप्रदा ने भी अमर सिंह का साथ देते हुए साल 2014 में रालोद में आ गई. लेकिन रालोद में जयाप्रदा ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकी. वर्ष 2018 में अमर सिंह की भाजपा से नजदीकियां बढ़ने लगी थी. उसके बाद मार्च 2019 को जयाप्रदा भी भाजपा में शामिल हो गईं.
हालांकि जयाप्रदा के लिए पार्टी बदलना कोई पहली बार नहीं है. भाजपा उनकी चौथी पार्टी है जिसमें वो शामिल हुई हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर से बीजेपी के टिकट पर फिर चुनाव लड़ा, लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान से जीत नहीं पाईं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार