तीन मई को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट पूरे विधि विधान के साथ खोले गए थे. उसी के साथ चार धाम यात्रा की शुरुआत हो गई थी. उसके बाद 6 मई को बाबा केदारनाथ धाम और 8 मई को बाबा बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले गए.
इसके बाद ही चार धाम जाने के लिए श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती चली गई. लेकिन यात्रा की शुरुआत में ही तीर्थ यात्रियों की लगातार हो रही मौत से व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है. चार धाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार ने कई बड़े-बड़े दावे किए थे कि इस बार यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खास प्रबंध किए गए हैं.
लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया है. लगातार तीर्थ यात्रियों की चार धाम मार्ग पर हो रही मौतों से सवाल खड़े हो गए हैं. चार धाम मार्ग पर अव्यवस्थाओं को लेकर विपक्ष कांग्रेस ने भी धामी सरकार पर निशाना साधा था.
पिछले 6 दिनों में चार धाम यात्रा के दौरान 20 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. हालांकि जान गंवाने वाले अधिकांश लोग हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज व अन्य बीमारियों से ग्रसित बताए गए . अब तीर्थ यात्रियों की लगातार हो रही मौत पर केंद्र ने राज्य से रिपोर्ट मांगी है.
सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज इन दिनों दुबई दौरे पर हैं. पीएमओ की मांगी रिपोर्ट में अब उत्तराखंड स्वास्थ्य मंत्रालय में हड़कंप मचा हुआ है.जिसके बाद स्वास्थ विभाग सभी हुई मौतों के कारण और इस पर रिपोर्ट बनाने में जुट हुआ है.
बता दें कि अब तक गंगोत्री, यमनोत्री में 14, केदारनाथ में 5 और बद्रीनाथ धाम में 1 श्रद्धालु की मौत हो गई है. इसके अलावा चार धाम मार्ग पर पुलिस की भी श्रद्धालुओं से जबरन वसूली का भी पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था.
जिसके बाद राज्य के मुख्य सचिव ने मामले को संज्ञान लेते हुए डीजीपी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. उसके बाद आरोपी सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया था. बता दें कि इस बार चार धाम आने वाले श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ संख्या बढ़ती जा रही है.
शंभू नाथ गौतम