मन की बात: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच पीएम मोदी ने फिर दिया ‘दवाई भी, कड़ाई भी’ का मंत्र

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नई दिल्‍ली| रविवार (28 मार्च) को पीएम मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को संबोधित किया. यह पीएम मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम का 75वां संस्‍करण रहा. इस दौरान पीएम मोदी ने कोविड-19, अमृत महोत्‍सव, क्रिकेट, महिला शिक्षा, खेती-किसानी सहित कई मसलों पर बात की. पीएम मोदी ने 2014 में शुरू हुए अपने इस मासिक रेडियो कार्यक्रम से जुड़े रहने के लिए लोगों का आभार जताया.

अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण महामारी से जंग लड़ रहे स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों के प्रति विशेष सम्‍मान जताया तो लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण को लेकर प्रेरित किया. पीएम ने इस दौरान महिला क्रिकेटर मिताली राज को अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट में 10,000 रन पूरे करने को लेकर बधाई दी और विभिन्‍न क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का भी जिक्र किया.

‘दवाई भी, कड़ाई भी’
देश में एक बार फिर कोरोना वायरस संक्रमण के बीच पीएम मोदी ने लोगों को इस महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण को लेकर प्रेरित किया तो स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों के प्रति सम्मान जताया. उन्‍होंने कहा, ‘पिछले वर्ष ये मार्च का ही महीना था, देश ने पहली बार जनता कर्फ्यू शब्द सुना था. लेकिन इस महान देश की महान प्रजा की महाशक्ति का अनुभव देखिये, जनता कर्फ्यू पूरे विश्व के लिए एक अचरज बन गया था. अनुशासन का ये अभूतपूर्व उदाहरण था, आने वाली पीढ़ियाँ इस एक बात को लेकर के जरुर गर्व करेगी.’

उन्‍होंने कहा, ‘उसी प्रकार से हमारे कोरोना वॉरियर्स के प्रति सम्मान, आदर, थाली बजाना, ताली बजाना, दीया जलाना,आपको अंदाजा नहीं है कोरोना वॉरियर्स के दिल को कितना छू गया था वो, और वो ही तो कारण है, जो पूरी साल भर, वे, बिना थके, बिना रुके, डटे रहे.’ उन्‍होंने कहा, ‘इन सबके बीच, कोरोना से लड़ाई का मंत्र भी जरुर याद रखिए- ‘दवाई भी- कड़ाई भी.’ अपने संबोधन के दौरान उन्‍होंने दिल्‍ली सहित देश के कई हिस्‍सों में वयोवृद्ध लोगों द्वारा टीका लगवाए जाने का भी जिक्र किया.

मिताली राज को बधाई
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने महिला क्रिकेटर मिताली राज के 10 हजार रन पूरे करने को लेकर उन्‍हें बधाई भी दी. उन्‍होंने कहा, ‘मिताली जी, हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दस हजार रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बनी हैं. ये दिलचस्प है, इसी मार्च महीने में, जब हम महिला दिवस मना रहे थे, तब कई महिला खिलाड़ियों ने पदक और रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं.’ उन्‍होंने कहा, ‘आज, शिक्षा से लेकर उद्यमिता तक, सशस्‍त्र बल से लेकर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तक हर जगह देश की बेटियां, अपनी, अलग पहचान बना रही हैं.’

अमृत महोत्‍सव का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 75वां संस्‍करण ऐसे समय में हो रहा है, जब देश में अमृत महोत्‍सव की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. उन्‍होंने कहा, ‘किसी स्वाधीनता सेनानी की संघर्ष गाथा हो, किसी स्थान का इतिहास हो, देश की कोई सांस्कृतिक कहानी हो, ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान आप उसे देश के सामने ला सकते हैं, देशवासियों को उससे जोड़ने का माध्यम बन सकते हैं. आप देखिएगा, देखते ही देखते ‘अमृत महोत्सव’ ऐसे कितने ही प्रेरणादायी अमृत बिंदुओं से भर जाएगा, और फिर ऐसी अमृत धारा बहेगी जो हमें भारत की आज़ादी के सौ वर्ष तक प्रेरणा देगी.’

उन्‍होंने कहा, ‘आजादी की लड़ाई में हमारे सेनानियों ने कितने ही कष्ट इसलिए सहे, क्योंकि वो देश के लिए त्याग और बलिदान को अपना कर्तव्य समझते थे. उनके त्याग और बलिदान की अमर गाथाएं अब हमें सतत कर्तव्य पथ के लिए प्रेरित करे.’

मैंग्रोव जंगल
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान ओड़िशा के केंद्रपाड़ा के रहने वाले बिजय कुमार काबी का भी जिक्र किया और बताया कि किस तरह 12 साल की मेहनत में उन्‍होंने अपने गांव के बाहर समुद्र की तरफ 25 एकड़ क्षेत्र में मैंग्रोव का जंगल खड़ा कर दिया है, जो आज इस गांव को समुद्री लहरों व चक्रवात से सुरक्षा प्रदान कर रहा है.

गोरैया संरक्षण
‘मन की बात’ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने मधुमक्‍खी पालन की अहमित का भी जिक्र किया तो गोरैया बचाने को लेकर भी बात की. उन्‍होंने कहा, ‘अभी कुछ दिन पहले वर्ल्‍ड स्‍पैरो डे मनाया गया. स्‍पैरो यानि गोरैया. कहीं इसे चकली बोलते हैं, कहीं चिमनी बोलते हैं, कहीं घान चिरिका कहा जाता है. आज इसे बचाने के लिए हमें प्रयास करने पड़ रहे हैं. मेरे बनारस के एक साथी इंद्रपाल सिंह बत्रा जी ने ऐसा काम किया है जिसे मैं ‘मन की बात’ के श्रोताओं को जरूर बताना चाहता हूं. बत्रा जी ने अपने घर को ही गोरैया का आशियाना बना दिया है.

लाइटहाउस टूरिज्‍म
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने लाइटहाउस टूरिज्‍म का जिक्र किया और कहा, ‘मन की बात के दौरान, मैंने, पर्यटन के विभिन्न पहलुओं पर अनेक बार बात की है, लेकिन, ये लाइट हाउस टूरिज्‍म के लिहाज से बिल्‍कुल अलग होते हैं. अपनी भव्य संरचनाओं के कारण लाइट हाउस हमेशा से लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत में भी 71 लाइट हाउस की पहचान की है. इन सभी लाइट हाउस में उनकी क्षमताओं के मुताबिक संग्रहालय, एम्‍फी-थियेटर, ओपन एयर थियेटर, कैफेटेरिया, चिड्रेन्‍स पार्क, इको फ्रेंडली कॉटेज और लैंड्सकैपिंग तैयार किये जाएंगे.’

उन्‍होंने कहा, ‘मैं एक यूनिक लाइट हाउस के बारे में भी आपको बताना चाहूंगा. ये लाइट हाउस हाउस गुजरात के सुरेन्द्र नगर जिले में जिन्झुवाड़ा नाम के एक स्थान में है. जानते हैं, ये लाइट हाउस क्यों खास है? ये लाइट हाउस जहां है, वहां से अब समुद्र तट सौ किलोमीटर से भी अधिक दूर है. आपको इस गांव में ऐसे पत्थर भी मिल जाएंगे, जो यह बताते हैं कि यहां, कभी, एक व्यस्त बंदरगाह रहा होगा. इसका मतलब ये है कि पहले कोस्‍टलाइन जिन्झुवाड़ा तक थी.

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