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विशेष: बांग्लादेश से पीएम मोदी बंगाल में कमल खिलाने के लिए ‘मतुआ समुदाय’ में तलाशेंगे वोट बैंक

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पीएम मोदी और बंगलादेश पीएम शेख हसीना

आज की सियासत में अपने आप को स्थापित करने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं. यही नहीं एक नेता को अपना और अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए दूरदृष्टि के साथ कब और कौन सा ‘मोहरा’ कहां फिट करना है सभी सियासी चाल चलने में माहिर होना चाहिए. इसके बाद भी गारंटी नहीं कि उसे कितनी सफलता मिलेगी.

आज बात करेंगे एक बार फिर पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव की. इस राज्य में कमल खिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते हैं. आज की यह स्टोरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगभग एक साल बाद होने जा रही विदेश दौरे को लेकर है. कोरोना काल के बाद पहली बार पीएम मोदी का विदेश दौरा करने वाले हैं. मार्च के आखिरी दिनों में पीएम पड़ोसी देश बांग्लादेश दौरे पर जा रहे हैं.

बांग्लादेश की धरती से भी पीएम मोदी एक तीर से कई निशाना साधेंगे. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी इसी महीने दो दिन 26 और 27 मार्च को बांग्लादेश पहुंच रहे हैैं जब बांग्लादेश में आजादी के पचास साल पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा होगा जिस दिन प्रधानमंत्री बांग्लादेश में रहेंगे उसी दिन बंगाल और असम में चुनाव के लिए मतदान भी हो रहे होंगे. इन दिनोंं बांग्लादेश के मोदी सरकार सेे रिश्ते मधुर हुए हैं क्योंकि भारत ने बांग्लादेश को बहुत बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन की दवा भेजी है.

हालांकि बांग्लादेश का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो भाजपा सरकार से सीएए-एनआरसी लागू की जाने को लेकर आज भी नाराज हैं. लेकिन आज हम पश्चिम बंगाल में रह रहे अनुसूचित जनजाति के ‘मतुआ समुदाय’ की बात करेंगे. यह समुदाय पश्चिम बंगाल के चुनाव में हमेशा ही निर्णायक भूमिका में रहा है. बता दें कि मतुआ समुदाय का सीधा कनेक्शन बांग्लादेश से रहा है. इस समुदाय के आराध्य और धर्मगुरु हरिचंद ठाकुर हैं. हरिचंद के बंगाल समेत बांग्लादेश में कई मंदिर हैं.

पीएम अपने दौरे के दौरान बांग्लादेश में मतुआ समुदाय के धर्मगुरु हरिचंद ठाकुर की जन्मस्थली तथा मतुआ समुदाय के तीर्थ स्थल गोपालगंज के उड़ाकांदी भी जाएंगे. यहां इस समुदाय का सबसे पवित्र मंदिर है और हिंदू संप्रदाय वाले इस समुदाय की आबादी पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश दोनों में ही बड़ी तादाद में रहती है.

कयास लगाए जा रहे हैं कि मतुआ समुदाय को लुभाने के लिए पीएम मोदी हरिचंद ठाकुर के नाम पर कोई बड़ी घोषणा भी कर सकते हैं. बता दें कि बंग्लादेश की धरती से पीएम मोदी का हर संदेश सीधे पश्चिम बंगाल भी पहुंचेगा, जहां 27 मार्च को पहले चरण के लिए 30 सीटों पर मतदान होना है. वहीं असम में भी इसी दिन पहले फेज में 47 सीटों पर चुनाव होना है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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