नई दिल्ली| पीएम मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में छात्रों को संबोधित किया. ये पहली बार है जब पांच दशक से भी ज्यादा वक्त में कोई प्रधानमंत्री एएमयू के कार्यक्रम में शिरकत किया. इससे पहले 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने AMU के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था. पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए AMU के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे हैं.
पीएम म मोदी के साथ इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन भी शिरकत या. इस अवसर को यादगार बनाने के लिए प्रधानमंत्री एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया.
पढ़े पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें
>>पीएम म मोदी- ‘समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की हो, तो हर मतभेद किनारे रख देने चाहिए. जब आप सभी युवा साथी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो ऐसी कोई मंजिल नहीं, जो हम हासिल न कर सकें. सत्ता से बड़ा देश का समाज होता है.’
>> पीएम मोदी- ‘हमें समझना होगा कि सियासत सोसाइटी का अहम हिस्सा है. लेकिन सोसाइटी में सियासत के अलावा भी दूसरे मसले हैं. सियासत और सत्ता की सोच से बहुत बड़ा, बहुत व्यापक किसी देश का समाज होता है.’
>> पीएम मोदी- ‘Medical education को लेकर भी बहुत काम किया गया है. 6 साल पहले तक देश में सिर्फ 7 एम्स थे. आज देश में 22 एम्स हैं. शिक्षा चाहे ऑनलाइन हो या फिर ऑफलाइन, सभी तक पहुंचे, बराबरी से पहुंचे, सभी का जीवन बदले, हम इसी लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं.’
>>पीएम मोदी- ‘सरकार higher education में number of enrollments बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है. वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 IITs थे। आज 23 IITs हैं. वर्ष 2014 में हमारे देश में 9 IIITs थे। आज 25 IIITs हैं. वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 IIMs थे। आज 20 IIMs हैं.’
>>पीएम मोदी- आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुंच रही हैं. बिना भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले. बिना भेदभाव, 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए. बिना भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला. सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है. देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है.
>>पीएम मोदी- ‘पहले मुस्लिम बेटियों को स्कूल ड्रॉपआउट रेट 70% से ज्यादा था वो अब घटकर करीब-करीब 30% रह गया है.पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचायल की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थीं, अब हालात बदल रहे हैं.’
>>पीएम मोदी- देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां मजहब की वजह से कोई पीछे न छूटे, सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले, सभी अपने सपने पूरे करें.’
>>पीएम मोदी- ‘कोरोना संकट के दौरान AMU ने जिस तरह समाज की मदद की वो अभूतर्पूव है. लोगों का मुफ्त टेस्ट कराना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में एक बड़ी राशि का योगदान देना समाज के प्रति आपके दायित्यों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है.’
>>पीएम मोदी- ‘मुझे बहुत से लोग बोलते हैं कि एएमयू कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है. अनेक विभाग, दर्जनों हॉस्टल, हजारों टीचर-छात्रों के बीच एक मिनी इंडिया नजर आता है.’
>>पीएम मोदी- आज एएमयू से तालीम लेकर निकले लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों के साथ ही दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हैं. एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं.
>>AMU ने कोरोना के इस दौर में जिस तरह का काम किया है वो काबिलेतारीफ है. समाज को मदद करने में AMU ने बढ़-चढ़ कर काम किया
>>कुलपति, प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि एएमयू समुदाय विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री का आभारी है. उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक वर्ष के दौरान विश्वविद्यालय का और अधिक विकास होगा, जिससे छात्रों को निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में नियुक्ति में मदद मिलेगी. प्रोफेसर मंसूर ने विश्वविद्यालय के समुदाय, कर्मचारियों, सदस्यों, छात्रों और पूर्व छात्रों से आगामी कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि शताब्दी समारोह में अभी लोग राजनीति से ऊपर उठकर शामिल हो.
सर सैयद अहमद खान ने 1877 में मोहम्मडन एंग्लो ऑरिएंटल (एमएओ) स्कूल की स्थापना की थी. 1920 में उसी स्कूल ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का रूप लिया. इसका कैंपस उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 467.6 हेक्टेयर में फैला हुआ है. कैंपस के बाहर केरल के मल्लपुरम, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद-जांगीपुर और बिहार के किशनगंज में भी इसके केंद्र हैं.