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पीएम मोदी 8 अप्रैल को कोरोना और टीकाकरण को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ करेंगे बैठक

पीएम मोदी
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देश में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति काफी बिगड़ रही है. आज 1 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. ऐसा पहली बार हुआ है जब देश में इतने ज्यादा नए मामले सामने आए हों. अब खबर आई है कि 8 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोविड-19 और टीकाकरण से जुड़े मुद्दों पर पीएम मोदी मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत करेंगे.

अब सवाल है क्या कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते हुए केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर कुछ प्रतिबंध लगा सकती है? कई राज्यों ने पहले ही कई प्रकार की पाबंदिया लगा रखी हैं.

पीएम मोदी ने इससे पहले 4 अप्रैल को भी कोविड-19 महामारी की स्थिति और टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि कोविड-19 के टिकाऊ प्रबंधन के लिए समुदाय की जागरुकता और इसकी भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है और कोविड-19 प्रबंधन के लिए जन भागीदारी और जन आंदोलन जारी करने की आवश्यकता है.

उन्होंने उल्लेख किया कि टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, कोविड उपयुक्त व्यवहार तथा टीकाकरण की पंच-कोणीय रणनीति का अगर पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ कार्यान्वयन किया जाए तो यह महामारी के प्रकोप को रोकने में प्रभावी होगा.

100 प्रतिशत मास्क का उपयोग, व्यक्तिगत स्वच्छता तथा सार्वजनिक स्थानों/कार्यस्थलों पर सफाई एवं स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर के साथ कोविड उपयुक्त व्यवहार के लिए 6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक एक विशेष अभियान चलाया जाएगा.

पीएम ने आने वाले दिनों में कोविड उपयुक्त व्यवहार लागू करने तथा बेडों की उपलब्धता, जांच सुविधाओं और समय पर अस्पताल में भर्ती करने आदि सुनिश्चित करने की आवश्यकता रेखांकित की. पीएम ने स्वास्थ्य बुनियादी ढ़ांचों को बढ़ाने, आवश्यक लॉजिस्टिक के साथ ऑक्सीजन, वेंटिलेटरों की उपलब्धता के द्वारा सभी परिस्थितियों में मृत्युदर की रोकथाम करने और यह सुनिश्चित करने कि अस्पतालों में भर्ती सभी लोगों और जो होमकेयर में हैं, उनके लिए भी क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल की व्यवस्था की जाए, पर ध्यान देने की अपील की.

पीएम ने निर्देश दिया कि उच्च सक्रिय मामलों तथा मौतों को देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों तथा क्लीनीशियनों से निर्मित केन्द्रीय टीमें महाराष्ट्र भेजी जाएं और उसके बाद पंजाब और छत्तीसगढ़ में भी भेजी जाएं, क्योंकि वहां मौतों की असंगत संख्या दर्ज की जा रही हैं.

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