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यूक्रेन-रूस में जारी जंग के बीच पीएम मोदी ने की राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की से बात, इस मसले पर हुई चर्चा

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रूस-यूक्रेन में जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की से बातचीत की है. दोनों नेताओं की फोन पर हुई वार्ता करीब 35 मिनट चली, जिसमें मुख्‍य रूप में यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी को लेकर चर्चा हुई. प्रधानमंत्री ने इस मसले पर यूक्रेन से मिले सहयोग के लिए उन्‍हें धन्‍यवाद दिया और पूर्वी यूक्रेन के सूमी में फंसे भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने के लिए जारी प्रयास के लिए भी इसी तरह का सहयोग मांगा.

फोन पर हुई इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी और यूक्रेन के राष्‍ट्रपति ने कई मुद्दों पर चर्चा की. उनके बीच यूक्रेन में पल-पल बदल रहे हालात पर भी बातचीत हुई तो पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन में जंग के बीच भी बातचीत जारी रहने की सराहना की, जिसकी आज तीसरे दौर की बातचीत दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच होनी है.

प्रधानमंत्री ने संकटग्रस्‍त यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में स्‍थानीय प्रशासन से मिले सहयोग के लिए यूक्रेन के राष्‍ट्रपति का आभार जताया और सूमी सहित यूक्रेन के अन्‍य हिस्‍सों में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी में भी इसी तरह का सहयोग जारी रखने की मांग की.

यूक्रेन में 24 फरवरी को रूस की सैन्‍य कार्रवाई के बाद से यह पीएम मोदी की यूक्रेन के राष्‍ट्रपति से तीसरी बातचीत रही. इससे पहले पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की की बातचीत रूसी हमले के बाद 24 फरवरी की रात और फिर 2 मार्च को हो चुकी है.

इन चर्चाओं में मुख्‍य रूप से यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी का मसला उठा, जहां बड़ी संख्‍या में भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने पहुंचते हैं. यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं और नागरिकों की संख्‍या 20 हजार से अधिक बताई गई, जिनमें से लगभग 16 हजार भारतीय स्‍टूडेंट्स को अब तक देश लाया चुका है. इसके लिए भारत ने ऑपरेशन गंगा चलाया है, जिसके लिए विशेष विमानों को यूक्रेन के सीमावर्ती देशों में भेजा गया और वहां से उन्‍हें देश लाया गया.

यूक्रेन से बाहर निकल चुके छात्रों की संख्‍या 20 हजार से अधिक बताई जा रही है, जबकि सैकड़ों छात्र अब भी पूर्वी यूक्रेन के सूमी और अन्‍य इलाकों में फंसे हैं. भारत की सबसे बड़ी चिंता इस वक्‍त सूमी से अपने छात्र-छात्राओं को सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर है, जहां लगातार हो रही बमबारी के बीच लोगों की सुरक्षित निकासी में कई मुश्किलें पेश आ रही हैं. ऐसे में भारत ने दोनों पक्षों से शांति की अपील करते हुए अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस निकालने में सहयोग मांगा है. संयुक्‍त राष्‍ट्र ने भी रूस और यूक्रेन से नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए मानवीय कॉरिडोर बनाने का अनुरोध किया है.





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