शुक्रवार को पीएम मोदी ने कहा कि रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के विकास में मास्को के नजरिए एवं सोच को वास्तविकता में बदलने में भारत एक विश्वसनीय साझेदार साबित होगा. भारत और रूस के आपसी संबंधों की अहमियत बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि वह ‘इस्टर्न इकोनॉमिक फोरम’ को संबोधित कर रहे हैं. इस सम्मान के लिए पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बधाई दी.
पीएम ने अपनी 2019 की व्लादिवोस्तोक यात्रा को याद करते करते हुए कहा कि उन्होंने उस समय भी सुदूर पूर्व इलाके को विकसित करने की राष्ट्रपति पुतिन के नजरिए की तारीफ की.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के इतिहास एवं सभ्यता में ‘संगम’ शब्द का विशेष महत्व है. इसका मतलब नदियों, लोगों और विचारों का मेल-मिलाप है. उन्होंने कहा, ‘मेरे विचार से व्लादिवोस्तोक वास्तव में यूरेशिया और प्रशांत का संगम स्थल है.’
अपनी 2019 की यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने व्लादिवोस्तोक के सुदूर पूर्व में स्थित बंदरगाह के विकास में एक अरब अमेरिकी डॉलर का ऋण देने की घोषणा की. उन्होंने चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच सीधा सामुद्रिक कॉरीडोर बनाने के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी किए.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत के पास प्रतिभाशाली, समर्पित कार्यबल है, भारतीय प्रतिभा के लिए रूस के सुदूर पूर्व में विकास में योगदान देने की खातिर भरपूर गुंजाइश है. दोनों देशों के बीच ऊर्जा भागीदारी से वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता लाने में मदद मिल सकती है. भारत-रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है, हाल ही में टीके को लेकर सहयोग सहित कोविड महामारी के दौरान मजबूत सहयोग से यह दिखा है.
पीएम ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि भारत का सबसे बड़ा शिपयार्ड मझगांव रूस की कंपनी वेज्दा के साथ मिलकर विश्व स्तरीय कॉमर्शियल जहाजों का निर्माण करने जा रहा है. इस मौके पर पीएम ने रूस के 11 क्षेत्रों के गवर्नर को भारत आने का न्योता दिया.