ताजा हलचल

नोटबंदी के चार साल पूरे, पीएम मोदी ने गिनाए इससे होने वाले फायदे- कांग्रेस हमलावर

0
पीएम मोदी

नई दिल्ली|आज (रविवार) नोटबंदी के फैसले को चार साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर पीएम मोदी ने इसके फायदे गिनाए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि विमुद्रीकरण ने काला धन कम करने, कर अनुपालन बढ़ाने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में मदद की है.

पीएम ने यह भी कहा कि ये परिणाम राष्ट्रीय प्रगति के लिए बहुत लाभदायक रहे हैं. पीएम मोदी ने 8 नवंबर, 2016 की आधी रात से 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी.

पीएम मोदी ने अपने ट्वीट के साथ एक ग्राफिक भी साझा किया है, जिसमें दर्शाया गया है कि किस तरह से नोटबंदी से कर जमा होने में वृद्धि हुई, कर और जीडीपी अनुपात बढ़ा, भारत अपेक्षाकृत कम नकदी आधारित अर्थव्यवस्था बना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिली.

नोटबंदी के कारण दस लाख से अधिक कैश जमा करने वाले वे तीन लाख लोग चिह्न्ति हुए जो आइटी रिटर्न नहीं फाइल करते थे.

भारतीय जनता पार्टी ने भी नोटबंदी के फायदे गिनाए हैं. बीजेपी ने ट्वीट किया, ‘नोटबंदी के बाद से डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिल रहा.

अक्टूबर 2020 के दौरान देश में 207.16 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए. NPCI के अनुसार अब तक 3.86 लाख करोड़ रुपये के UPI ट्रांजेक्शन हो चुके हैं.’

वहीं दूसरी तरफ नोटबंदीको लेकर कांग्रेस हमलावर बनी हुई है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘नोटबंदी पीएम की सोची समझी चाल थी ताकि आम जनता के पैसे से ‘मोदी-मित्र’ पूंजीपतियों का लाखों करोड़ रुपए कर्ज माफ किया जा सके. गलतफहमी में मत रहिए- गलती हुई नहीं, जानबूझकर की गई थी.

इस राष्ट्रीय त्रासदी के चार साल पर आप भी अपनी आवाज़ बुलंद कीजिए.’ उन्होंने कहा कि नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर आक्रमण था.

नोटबंदी हिंदुस्तान की असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था. हमें इस आक्रमण को पहचाना पड़ेगा और पूरे देश को इस आक्रमण के खिलाफ मिलकर लड़ना पड़ेगा.

कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘नोटबंदी के फैसले ने मजदूर को सबसे अधिक प्रभावित किया. नोटबंदी के बाद अनौपचारिक मजदूरों के रोजगार के दिनों में 39% की बड़ी गिरावट दर्ज की गई. नोटबंदी का फैसला मजदूरों के लिये रोजगार बंदी साबित हुआ. प्रधानमंत्री को मजदूरों से माफी मांगनी चाहिए.’

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version