वाराणसी| सोमवार को पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया. इस धाम को देशवासियों को समर्पित करने के बाद उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए काशी की प्राचीनता, उसकी गौरवशाली परंपरा एवं सांस्कृतिक महिमा का जिक्र किया.
काशी की महिमा का बखान करते हुए पीएम ने कहा कि भगवान शंकर की इच्छा से ही काशी में सभी कार्य होते हैं. बिना उनकी इच्छा से एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है. साथ ही पीएम ने देश के विकास के लिए लोगों से 3 संकल्प करने के लिए कहा.
पीएम ने कहा कि उनके लिए जनता जनार्दन ईश्वर का ही रूप है, हर भारतवासी ईश्वर का ही अंश है, इसलिए वह लोगों से कुछ मांगना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे अपने लिए नहीं, हमारे देश के लिए तीन संकल्प चाहता हूं, वे तीन संकल्प-स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास हैं. गुलामी के लंबे कालखंड ने हम भारतीयों का आत्मविश्वास ऐसा तोड़ा कि हम अपने ही सृजन पर विश्वास खो बैठे.
पीएम ने कहा कि ‘आज हजारों वर्ष पुरानी इस काशी से, मैं हर देशवासी का आह्वान करता हूं- पूरे आत्मविश्वास से सृजन करिए, नवाचार एवं न्वोन्मेष करिए.
तीसरा एक संकल्प जो आज हमें लेना है, वो है आत्मनिर्भर भारत के लिए अपने प्रयास बढ़ाने का. ये आजादी का अमृतकाल है. हम आजादी के 75वें साल में हैं. जब भारत सौ साल की आजादी का समारोह बनाएगा, तब का भारत कैसा होगा, इसके लिए हमें अभी से काम करना होगा.
पीएम मोदी ने आधुनिक भारत की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज का भारत सोमनाथ मंदिर का सौंदर्यीकरण ही नहीं करता बल्कि समुद्र में हजारों किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर भी बिछाता है.
आज का भारत सिर्फ बाबा केदारनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार ही नहीं करता बल्कि अपने दमखम पर भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी में जुटा है. आज का भारत अयोध्या में सिर्फ प्रभु राम का मंदिर ही नहीं बना रहा है बल्कि देश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज बना रहा है. आज का भारत बाबा विश्वनाथ को भव्य रूप ही नहीं दे रहा है बल्कि गरीबों के लिए पक्के घर का निर्माण भी कर रहा है.