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निजी कारणों से पीएम के प्रधान सलाहकार पी के सिन्हा ने दिया इस्तीफा

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी पी के सिन्हा
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वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी पी के सिन्हा ने प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इस्तीफे के पीछे अपने निजी कारण बताए हैं. हालांकि मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है उनके इस्तीफे की साफ वजह का पता नहीं चल सका है. पीके सिन्हा से पहले पीएम नरेंद्र मोदी के मुख्य सलाहकार रहे नृपेंद्र मिश्रा ने साल 2019 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

यूपी कैडर के 1977 के बैच के रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी हैं. जन्म दिल्ली में हुआ. पढ़ाई भी दिल्ली यूनिवर्सिटी से की. यहां सेंट स्टीफन कॉलेज से उन्होंने अर्थशास्त्र का अध्ययन किया. बाद में प्रशासनिक सेवा में आ गए. पीके सिन्हा के पास इसका काफी लंबा अनुभव है. केंद्र में अहम पद संभालने से पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों में काम किया था.

आगे चलकर उन्होंने करीब चार साल कैबिनेट सेक्रेटरी के रूप में किया. फिर अगस्त 2019 में पीके सिन्हा को पीएम मोदी का ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी यानी ओएसडी नियुक्त किया गया. इसके एक महीने बाद ही उन्हें प्रधानमंत्री का मुख्य सलाहकार बना दिया गया. नृपेंद्र मिश्रा के जाने के बाद पीके सिन्हा को यह जिम्मेदारी दी गई थी.

पीके सिन्हा ऊर्जा मंत्रालय में भी सेक्रेटरी के पद पर काम कर चुके हैं. आपको बता दें कि यूपीए सरकार के 10 सालों के दौरान सिन्हा कई अहम मंत्रालयों में अपनी सेवाएं दे चुके थे. साल 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने ऊर्जा सचिव के रूप में सिन्हा की सेवाओं को बरकरार रखा था.

साल 2017 में सिन्हा का कार्यकाल खत्म होने वाला था. लेकिन सरकार ने उसे 1 साल के लिए बढ़ा दिया था. एक साल बाद फिर ऐसा किया गया. तीसरी बार कार्यकाल खत्म होने से पहले भी 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था.

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