पीएम नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान पर G20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया. अफगान क्षेत्र को कट्टरपंथ और आतंकवाद का स्रोत बनने से रोकने पर जोर दिया.
साथ ही अफगान नागरिकों को तत्काल और निर्बाध मानवीय सहायता और एक समावेशी प्रशासन का आह्वान किया. अफगानिस्तान में स्थिति में सुधार के लिए यूएनएससी प्रस्ताव 2593 पर आधारित एक एकीकृत अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया आवश्यक है.
पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक शांति के लिए अफगानिस्तान में हालात सही हो आवश्यक है. आज दुनिया के सभी देशों की जिम्मेदारी है कि वो इस तरह के माहौल का निर्माण करें जिससे आतंकवाद के पोषक देशों पर लगाम लग सके.
आतंकवाद किसी खास मकसद को हासिल करने के लिए इस्तेमाल में लाया नहीं जा सकता है. सभी देशों को सोचना होगा कि विश्व में व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमें किस तरह से बिना किसी भेदभाव के काम करना होगा.
उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों से अफगानिस्तान के विकास में भारत ने अहम भूमिका निभायी. सामाजिक-आर्थिक दशा को बदलने के लिए 500 से अधिक प्रोजेक्ट को भारत की मदद से पूरा किया गया और उसका मकसद यह था कि युवाओं और महिलाओ की हालात में सुधार आए.
इस तरह की कोशिश का फायदा यह हुआ कि दोनों देशों के बीच मित्रता की भावना बनी. अफगानिस्तान में मानवीय त्रासदी और मानवाधिकार उल्लंघन से भारत दु:खी है. आज आवश्यकता है कि अंतरराष्ट्रीय समाज संकट की घड़ी में अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा हो.