विशेष: मन की बात में तमिल भाषा का दर्द तो आज वैक्सीन टीके में पुडुचेरी-असम-केरल को संदेश

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प्रधानमंत्री मोदी का काम करने का स्टाइल दूसरों से हमेशा अलग रहा. उन्हें मालूम है कब, क्या और किसके सहारे देश को संदेश देना है. यही नहीं उनके द्वारा किया गया समय का चयन से भी लोग चौंक जाते हैं। सोमवार सुबह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा ही किया. हालांकि उनका कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाना एक साधारण बात थी.

लेकिन प्रधानमंत्री ने वैक्सीन का टीका लगवा कर कई संदेश देने की कोशिश की. सबसे बड़ा संदेश तो उन विपक्षी नेताओं को दिया जो इस वैक्सीन पर सवाल उठा रहे थे और पीएम मोदी टीका कब लगवाएंगे, शोर मचा रहे थे . आखिरकार टीका लगवा कर प्रधानमंत्री ने विपक्ष को जवाब दे दिया.

अब बात करेंगे पीएम मोदी के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर. प्रधानमंत्री ने दिल्ली में रहते हुए ही तमिलनाडु, असम पुडुचेरी और केरल को साधने का प्रयास किया। पीएम मोदी ने 28 फरवरी को अपने संडे रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में तमिल भाषा को अभी तक न सीख पाने का पाने का ‘दर्द छलकाया’.

यही नहीं रेडियो कार्यक्रम के दौरान ‘पीएम ने कहा कि तमिल भाषा विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा है और मेरे अंदर यही कमी रह गई है कि मैं इस भाषा में पारंगत नहीं हो सका’. चुनावी बेला में प्रधानमंत्री मोदी ने तमिल भाषा पर अपना प्रेम दिखाकर तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की लहर बनाने की कोशिश की.

अब बात करते हैं प्रधानमंत्री ने सोमवार सुबह कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगवा कर असम, पुडुचेरी और केरल के लोगों को भी साधने की कोशिश की.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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