आज बात शुरू करने से पहले वर्ष 1978 में आई अमिताभ बच्चन जीनत अमान अभिनीत फिल्म डॉन के प्रसिद्ध गाने की चंद लाइनें याद कर लेते हैं. इस गाने के बोल कुछ इस प्रकार हैं, ‘जिसका मुझे था इंतजार जिसके लिए दिल था बेकरार वो घड़ी आ गई, आ गई आज प्यार में हद से गुजर जाना है, मार देना है तुझको या मर जाना है’.
ऐसा ही कुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में 23 जनवरी को लेकर इन दिनों चल रहा है. हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल में 3 महीने के अंदर होने वाले विधानसभा चुनावों की. अभी तक गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंगाल में तूफानी दौरे करके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस बार सत्ता से हटाने के लिए पूरा जोर लगा रखा है.
वहीं ‘अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी बंगाल के चुनावी माहौल में एंट्री होने जा रही है, आज से 3 दिन बाद यानी 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने दीदी से दो-दो हाथ करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है’.
बता दें कि इस बार नेताजी की जयंती पर बीजेपी और टीएमसी दोनों नेताजी के नाम पर अपना-अपना वोट बैंक बुलंद करना चाहते हैंं, ऐसे मेंं भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस में नए सिरे से खींचतान शुरू हो गई है. ‘दोनों राजनीतिक दलों में इस बात की होड़ मची है कि कौन नेताजी की जयंती बेहतर ढंग से मनाता है, सही मायने में बंगाल में नेताजी के नाम पर नेतागिरी पूरे चरम पर है’. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे से टीएमसी की चिंता बढ़ गई है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार