उत्‍तराखंड

हरिद्वार: पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए छह बड़ी परियोजनाओं का किया उद्घाटन

पीएम मोदी
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देहरादून| मंगलवार को पीएम मोदी ‘नमामि गंगे’ मिशन के तहत उत्तराखंड में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए छह बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया.

इस दौरान पीएम ने कहा कि उत्तराखंड में उद्गम से लेकर पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक गंगा, देश की करीब-करीब आधी आबादी के जीवन को समृद्ध करती हैं.

इसलिए गंगा की निर्मलता आवश्यक है, गंगा जी की अविरलता आवश्यक है. कहा कि अगर पुराने तौर-तरीके अपनाए जाते, तो आज भी हालत उतनी ही बुरी रहती. लेकिन हम नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े.

हमने नमामि गंगे मिशन को सिर्फ गंगा जी की साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया.

मोदी ने कहा कि सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया.

पहला- गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया दूसरा- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें.

उन्होंने कहा कि तीसरा- गंगा नदी के किनारे बसे सौ बड़े शहरों और पांच हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना और चौथा- जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना.

पीएम ने कहा कि प्रयागराज कुंभ में गंगा जी की निर्मलता को दुनियाभर के श्रद्धालुओं ने अनुभव किया था.

अब हरिद्वार कुंभ के दौरान भी पूरी दुनिया को निर्मल गंगा स्नान का अनुभव होने वाला है.

उन्होंने कहा कि अब गंगा म्यूजियम के बनने से यहां का आकर्षण और अधिक बढ़ जाएगा.

ये म्यूजियम हरिद्वार आने वाले पर्यटकों के लिए, गंगा से जुड़ी विरासत को समझने का एक माध्यम बनने वाला है.

पीएम ने कहा कि आज पैसा पानी में नहीं बहता, पानी पर लगाया जाता है.

हमारे यहां तो हालत ये थी कि पानी जैसा महत्वपूर्ण विषय, अनेकों मंत्रालयों और विभागों में बंटा हुआ था.

इन मंत्रालयों में, विभागों में न कोई तालमेल था और न ही समान लक्ष्य के लिए काम करने का कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश थे.

नतीजा ये हुआ कि देश में सिंचाई हो या फिर पीने के पानी से जुड़ी समस्या, ये निरंतर विकराल होती गईं.

आप सोचिए, आजादी के इतने वर्षों बाद भी 15 करोड़ से ज्यादा घरों में पाइप से पीने का पानी नहीं पहुंचता था.


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