परीक्षा पे चर्चा: छात्र कैसे करें एग्जाम की तैयारी, पीएम मोदी सर ने स्टूडेंट्स को दिए ये गुरुमंत्र

शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पीएम मोदी देश भर के छात्रों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ संवाद में हिस्सा लिया. ‘परीक्षा पे चर्चा’ में छात्रों ने एग्जाम की तैयारी को लेकर उनसे कई तरह के सवाल पूछे. पीएम ने इस सवालों का विस्तार से जवाब देते हुए छात्रों की जिज्ञासाओं को शांत करने की कोशिश की.

पीएम ने छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए कई टिप्स दिए. उन्होंने परीक्षा की तैयारी में आने वाली समस्याओं एवं बाधाओं का जिक्र किया. पीएम ने परीक्षा के दौरान मन को एकाग्र करने की बातें भी बताईं.

पीएम ने कहा कि छात्रों को अपने भीतर सहज रूप में मौजूद प्रतिभा एवं कौशल को पहचानना चाहिए. अपने अंदर की छिपी प्रतिभा को पहचान कर छात्र यदि आगे बढ़ते हैं तो वे ज्यादा सफल होंगे. माता-पिता एवं शिक्षकों को भी छात्रों की भावनाएं समझनी चाहिए. छात्रों के साथ पीएम मोदी ‘परीक्षा पे चर्चा’ की मुख्य बातें इस प्रकार हैं.

‘परीक्षा पे चर्चा’ की 10 मुख्य बातें

  1. यहां ऐसा कोई नहीं है जो परीक्षा में पहली बार बैठ रहा है. हम सभी लोग परीक्षाएं देते आए हैं. परीक्षाएं हमें आगे बढ़ाने एवं कुछ हासिल करने में मदद करती हैं.
  2. मैं चाहता हूं कि परीक्षा के दौरान छात्रों में जो एक घबराहट का माहौल होता है, वे पहले उससे बाहर निकलें. छात्रों को अपने दोस्तों की नकल करने की जरूरत नहीं है. छात्र वही करें जिसके बारे में उन्हें लगता है कि वह उस काम में अपना 100 फीसदी दे सकते हैं. मुझ उम्मीद है कि आप सभी उत्सव वाले माहौल में अपनी परीक्षा देंगे.
  3. ऑनलाइन पढ़ाई करते समय छात्रों को खुद का निराक्षण एवं आत्मावलोकन करना चाहिए. छात्रों को यह देखना चाहिए कि ऑनलाइन पढ़ाई करते समय वह पढ़ाई की जगह रील्स तो नहीं देख रहे हैं.
  4. कौशल की अहमियत दुनिया भर में है. तकनीकी अभिशाप नहीं है लेकिन इसका प्रभावी तरीके से इस्तेमाल होना चाहिए. आज छात्र 3डी प्रिंटर्स का निर्माण कर रहे हैं. वे वैदिक गणित के लिए एप बना रहे हैं. आज के छात्र तकनीकी का इस्तेमाल बेहतर रूप से कर रहे हैं.
  5. हमारे आस पास जो चीजें हैं उन्हें ऑब्जर्व करें, फिर अपने को रिलेट करें. क्या आप कभी खुद के एग्जाम लेते हैं, आप अपने एग्जाम भी लीजिए.
  6. प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों को पहले खुद को समझने की जरूरत है. खुद को जानना जरूरी है . कौन सी बातें आपको भटकाती हैं, पहले उसे पहचानिए. इसमें एक दिन, दो दिन, एक सप्ताह लग सकता है. इसकी पहचान हो जाने पर इससे दूरी बनाइए. छात्र यह भी देखें कि कौन सी बातें उन्हें सहज रूप से उन्हें मोटिवेट करती हैं. उसे पहचानें और अपनी उस योग्यता एवं कौशल को विकसित करें.
  7. छात्रों को अपने माता-पिता और शिक्षक की बात सुननी और समझनी चाहिए. छात्रों के अपने भीतर जो सहज भाव में मौजूद है उसको आगे बढ़ाने एवं निकालने की जरूरत है. इसमें सफलता मिलेगी तो परिवार एवं शिक्षक भी महसूस करेंगे.
  8. क्या परीक्षा को बहुत गंभीरता से लेनी चाहिए एक छात्रा के इस सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सवाल बताता है कि विद्यार्थियों पर या तो शिक्षक या माता-पिता का दबाव है. माता-पिता से मैं कहना चाहूंगा कि आप अपने सपनों, आकांक्षाओं को अपने बच्चे में डालने की कोशिश न करें. बच्चा मां-बाप का सम्मान करता है. शिक्षक कुछ और करने के लिए कहता है. ऐसे में छात्र दुविधा में रहते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए. माता-पिता और शिक्षक को बच्चे की शक्ति, सीमाएं, रुचि, आकांक्षा को बारीकी से समझना चाहिए. ऐसा न करने पर छात्र लड़खड़ा जाते हैं.
  9. छात्रों के साथ बातचीच करते हुए पीएम ने कहा कि पुराने विचार, 20वीं सदी की नीतियां 21वीं सदी में विकास पथ का मार्गदर्शन नहीं कर सकती, हमें समय के साथ बदलना होगा.
  10. पीएम ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए परामर्शी प्रक्रिया पूरी हो गई है, इसके लिए भारत भर के लोगों से सलाह ली गई. राष्ट्रीय शिक्षा नीति का देश के हर वर्ग ने तहे दिल से स्वागत किया.

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