पीएम मोदी शुक्रवार को महाराष्ट्र में 30,500 करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं की शुरुआत करते हुए मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (एमटीएचएल) का उद्घाटन किया, जिसे अब ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु’ नाम दिया गया है. 17,840 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से इसका निर्माण किया गया है.
पीएम मोदी ने दिसंबर, 2016 में इस पुल की आधारशिला रखी थी. यह भारत का सबसे लंबा पुल और भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है. यह पुल लगभग 21.8 किमी लंबा छह लेन वाला पुल है, जिसकी लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16.5 किमी और जमीन पर लगभग 5.5 किमी है.
यह मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सीधा संपर्क प्रदान करेगा और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा के समय को भी कम करेगा. इस पुल से मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच संपर्क में भी सुधार होगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ईस्टर्न फ्रीवेज ऑरेंज गेट’ को मरीन ड्राइव से जोड़ने वाली सड़क सुरंग की आधारशिला भी रखी. 9.2 किलोमीटर लंबी सुरंग 8,700 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनाई जाएगी और यह मुंबई में एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा विकास होगा.
उन्होंने सूर्या क्षेत्रीय पेयजल परियोजना के पहले चरण को भी राष्ट्र को समर्पित किया. 1,975 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से विकसित यह परियोजना महाराष्ट्र के पालघर और ठाणे जिलों को पेयजल आपूर्ति प्रदान करेगी, जिससे लगभग 14 लाख लोगों को लाभ होगा.
पीएम मोदी कई रेल परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया. उन्होंने ‘सांताक्रूज इलेक्ट्रॉनिक एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन’- विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईईपीजेड एसईजेड) के लिए ‘भारत रत्नम’ (मेगा कॉमन फैसिलिटेशन सेंटर) का उद्घाटन किया.
इसमें विशेष रूप से विकलांग छात्रों सहित इस क्षेत्र के कार्यबल के कौशल विकास के लिए एक प्रशिक्षण स्कूल होगा. ‘मेगा कॉमन फैसिलिटेशन सेंटर’ रत्न और आभूषण व्यापार में निर्यात क्षेत्र को बदलेगा और घरेलू विनिर्माण को भी मदद करेगा.