मंगलवार को पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में सात परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उनका उद्घाटन किया.
इनमें से चार जल आपूर्ति, दो सीवरेज ट्रीटमेंट और एक रिवरफ्रंट डेवलपमेंट से संबंधित हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ‘आज का ये कार्यक्रम, एक विशेष दिन पर हो रहा है.
आज हम अभियंता दिवस मनाते हैं. ये दिन देश के महान इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया जी की जन्म-जयंती का है, उन्हीं की स्मृति को समर्पित है. हमारे भारतीय इंजीनियरों ने हमारे देश के निर्माण में और दुनिया के निर्माण में भी अभूतपूर्व योगदान किया है.
चाहे काम को लेकर समर्पण हो, या बारीक नज़र, भारतीय इंजीनियरों की दुनिया में एक अलग ही पहचान है. हमें गर्व है कि हमारे इंजीनियर देश के विकास को मजबूती से आगे बढ़ा रहे हैं.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बिहार तो देश के विकास को नई ऊंचाई देने वाले लाखों इंजीनियर देता है. बिहार की धरती तो आविष्कार और इनोवेशन की पर्याय रही है.
बिहार के कितने ही बेटे हर साल देश के सबसे बड़े इंजीन्यरिंग संस्थानों में पहुँचते हैं, अपनी चमक बिखेरते हैं.
एक दौर ऐसा आया, जब बिहार में मूल सुविधाओं के निर्माण के बजाय, प्राथमिकताएं और प्रतिबद्धतताएं बदल गईं. राज्य में गवर्नेंस से फोकस ही हट गया.
इसका परिणाम ये हुआ कि बिहार के गांव पिछड़ते गए और जो शहर कभी समृद्धि का प्रतीक थे, उनका इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड हो ही नहीं पाया.’
पीएम ने कहा कि ‘सड़कें हो, गलियां हों, पीने का पानी हो, सीवरेज हो, ऐसी अनेक मूल समस्याओं को या तो टाल दिया गया या फिर जब भी इनसे जुड़े काम हुए वो घोटालों की भेंट चढ़ गए.
जब शासन पर स्वार्थनीति हावी हो जाती है, वोटबैंक का तंत्र सिस्टम को दबाने लगता है, तो सबसे ज्यादा असर समाज के उस वर्ग को पड़ता है, जो प्रताड़ित है, वंचित है, शोषित है. बिहार के लोगों ने इस दर्द को दशकों तक सहा है.’
शिलान्यास कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि ‘बीते डेढ़ दशक से नीतीश जी, सुशील जी और उनकी टीम समाज के सबसे कमज़ोर वर्ग के आत्मविश्वास को लौटाने का प्रयास कर रही है.
जिस प्रकार बेटियों की पढ़ाई को, पंचायती राज सहित स्थानीय निकाय में वंचित, शोषित समाज की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई है, उससे उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है.’