आज बात भाजपा के पर्दे के पीछे रचे जाने वाले सियासी दांव की करेंगे. भाजपा महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ने बड़ा बयान दिया है. किसान सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान विजयवर्गीय ने कहा कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार गिराने में अगर किसी की महत्वपूर्ण भूमिका थी तो वो नरेंद्र मोदी की थी.
‘वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार जब से बनी है, भाजपा का मुख्य टारगेट कांग्रेस शासित राज्य सरकारें रहीं हैं’. भाजपा आलाकमान इस काम में कई राज्यों में सफल भी हुआ है. गोवा, कर्नाटक दोनों ऐसे राज्य रहे हैं जिसमें भाजपा ने अपनी सरकार बनाने में राजनीति के सभी हथकंडे अपनाए थे.
ऐसे ही पिछले महीनों भाजपा ने राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार गिराने के लिए गहरी सियासी चाल रची थी हालांकि केंद्रीय आलाकमान इसमें कामयाब नहीं हो सका. लेकिन आज बात करेंगे मध्य प्रदेश की. आइए अब आपको 9 महीने पीछे लिए चलते हैं.
‘इसी वर्ष मार्च महीने में पूरा देश होली के उत्सव में सराबोर था लेकिन भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व देश की राजधानी दिल्ली में बैठकर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिराने की साजिश रच रहा था, ठीक होली के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के बगावती नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने पीएम आवास पर बुलाकर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार की उल्टी गिनती शुरू कर दी थी’.
उसके चंद दिनों बाद ही कमलनाथ सरकार अपना विश्वास मत खो बैठी थी और इस प्रकार भाजपा ने एक चुनी हुई सरकार को गिरा डाला था. ‘मध्यप्रदेश में तो कांग्रेस की सरकार तो गिर गई लेकिन एक राज ऐसा था जिसको राजनीति पंडित पर्दे के पीछे तो जानते थे कि सरकार गिराने में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का अहम रोल है लेकिन यह बात सियासी बाजार में खुलकर सामने नहीं आ पा रही थी’. दूसरी ओर कांग्रेस भी इस जवाब को तलाश रही थी, आखिरकार उसकी सरकार गिराने में अहम भूमिका भाजपा के किस नेता की थी ?
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार