उत्‍तराखंड

उत्तराखण्ड के विकास के लिए पीएम मोदी ने दी ये महत्वपूर्ण सौगातें

0
पीएम मोदी

उत्तराखण्ड के लिये चारधाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट तथा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन की महत्वपूर्ण सौगात दी है. पीएम मोदी के निर्देशन में केदारपुरी में जहां प्रथम चरण के 225 करोड़ के कार्य पूर्ण हो चुके हैं वहीं 184 करोड़ के कार्य द्वितीय चरण में गतिमान है.

इसके साथ ही बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए जहां 245 करोड़ रूपये से अधिक स्वीकृत हो चुके हैं. वहीं गंगोत्री व यमनोत्री के लिए क्रमशः 20 करोड़ और 34 करोड़ रूपये स्वीकृत हो चुके हैं.

जहां एक ओर चार दशकों से लंबित तराई- भाबर की लाइफ लाइन जमरानी बहुद्देशीय परियोजना की स्वीकृति दी है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में 27 हेलीपोर्ट विकसित करने के साथ-साथ उड़ान योजना व सीमांत पर्वतीय क्षेत्रों को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने की योजनाओं द्वारा उत्तराखंड के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया.

टिहरी लेक डेवलेपमेण्ट हेतु 1200 करोड़ रूपये की स्वीकृति हो या समेकित सहकारी विकास योजनाओं के लिये 3340 करोड़ रूपये की स्वीकृति हो, प्रधानमंत्री जी ने हमेशा उत्तराखंड की दिल खोलकर सहायता की है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम और केन्द्र सरकार से प्राप्त हो रहे मार्गदर्शन एवं सहयोग से प्रेरणा लेते हुए उत्तराखण्ड में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं. जहां 24 हजार सरकारी पदों को भरने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है. वहीं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा नैनो उद्यम योजना के अन्तर्गत लाखों युवाओं को स्वरोजगार देने की प्रक्रिया गतिमान है.

कोरोना महामारी से प्रभावित पर्यटन, परिवहन, क्षेत्रों के लिये 200 करोड़ का राहत पैकेज, स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती एवं इससे जुड़े कार्मिकों को प्रोत्साहन हेतु 205 करोड़ तथा महिला सशक्तिकरण एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिये 118 करोड़ का राहत पैकेज प्रदान किया जा रहा है. यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लोगों के खातों में भेजी जा रही हैं.

आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना में 44 लाख लोगों के कार्ड बन चुके हैं. इस योजना से 3 लाख 50 हजार लोग लाभान्वित हुए हैं. दिसम्बर माह तक प्रदेश में प्रथम चरण के वैक्सीनेशन का शत-प्रतिशत पूर्ण करने का जो लक्ष्य रखा था उस लक्ष्य को हम केन्द्र सरकार के सहयोग से इसी माह पूर्ण करने की ओर अग्रसर हैं.

अब तक 96 प्रतिशत वैक्सीनेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है. मार्च 2020 से पूर्व उत्तराखण्ड में मात्र 01 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट राजकीय मेडिकल कॉलेज, नगर (गढ़वाल) में संचालित हो रहा था, जबकि आज 87 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट उपलब्ध हो चुके है, जिनमें से पी.एम. केयर फण्ड द्वारा उपलब्ध 25 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांटों ने पूर्ण रूप से कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का मूलमंत्र दिया है. कोरोना काल में इस मंत्र की शक्ति को हम सभी ने देखा है. इससे कोरोना के खिलाफ जंग में ताकत मिली है. करोड़ों लोगों को गरीब कल्याण अन्न योजना में खाद्य सुरक्षा दी.

वैक्सीन का देश में ही निर्माण करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया. उन्हीं की प्रेरणा है कि पहले जहां किसी बीमारी का टीका आने में कई वर्ष लग जाते थे, आज कोविड की वैक्सीन का इतने कम समय में देश न केवल उत्पादन शुरू हुआ बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान यहां चल रहा है. वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के अनुरूप विश्व के दूसरे देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब तक, पूरे देश में कुल 1,224 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों को पीएम केयर्स के तहत वित्तपोषित किया गया है, जिनमें से 1,100 से अधिक संयंत्रों को चालू किया गया है, जिससे प्रतिदिन 1,750 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होता है.

यह कोविड- 19 महामारी शुरू होने के बाद से भारत की चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए सकारात्मक उपायों का प्रमाण है.

इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा0 धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री, सांसदगण, विधायकगण, केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारी, एम्स के अधिकारी उपस्थित थे.

गौरतलब है कि साल 2020 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लूक को दिया गया था. लुईस येल यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं. उनका जन्म 1943 में न्यूयॉर्क में हुआ था.

उनकी कविताएं प्राय: बाल्यावस्था, पारिवारिक जीवन, माता-पिता और भाई-बहनों के साथ घनिष्ठ संबंधों पर केंद्रित रही हैं. इसने कहा कि 2006 में आया उनका संग्रह एवर्नो एक शानदार संग्रह है. अब इस साल का शांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार का एलान होना बाकी रह गया है.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version