- अभी भी ऐसे लोग हैं, जिनका विचार, जिनका आचार, जिनका लक्ष्य, सबकुछ अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में अपने परिवार को बचाने का है. ये राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में तानाशाही के साथ ही अक्षमता को भी बढ़ावा देता है.
- कुछ बदलाव बाकी हैं, और ये बदलाव देश के युवाओं को ही करने हैं. राजनीतिक वंशवाद, देश के सामने ऐसी ही चुनौती है जिसे जड़ से उखाड़ना है. अब केवल सरनेम के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लदने लगे हैं. लेकिन राजनीति में वंशवाद का ये रोग पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है.
- ये स्वामी जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है. वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर इतना विश्वास करते थे.
- समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी देखते हैं, स्वामी जी का प्रभाव अब भी उतना ही है. अध्यात्म को लेकर उन्होंने जो कहा, राष्ट्रवाद-राष्ट्रनिर्माण को लेकर उन्होंने जो कहा, जनसेवा-जगसेवा को लेकर उनके विचार आज हमारे मन-मंदिर में उतनी ही तीव्रता से प्रवाहित होते हैं.
- स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है. ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का. इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है.
- लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं. Individual से Institutions और Institutions से Individual का ये चक्र भारत की बहुत बड़ी ताकत है.
Today is an important day as the National Youth Parliament Festival is being held at the Central Hall of the Parliament which witnessed the framing of our Constitution: Prime Minister Narendra Modi during the valedictory function of 2nd National Youth Parliament Festival pic.twitter.com/tFuwh8fFQ8
— ANI (@ANI) January 12, 2021