प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महसभा के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए यूएन के स्वरूप को आज के बदलते युग में बदलने की मांग की। उन्होंने कहा के भारत यूएन में अपनी व्यापक भूमिका को देख रहा है।
भारत जब किसी से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, तो वो किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होती. भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है, तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती. हम अपनी विकास यात्रा से मिले अनुभव साझा करने में कभी पीछे नहीं रहते.
पीएम मोदी ने कहा कि अगले साल जनवरी से भारत सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भी अपनी जिम्मेदारी निभाएगा. भारत हमेशा शांति, सुरक्षा और समृद्धि के समर्थन में बोलेगा.
विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर आज मैं वैश्विक समुदाय को एक और आश्वासन देना चाहता हूं. भारत की Vaccine Production और Vaccine Delivery क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगी: पीएम मोदी
अगले वर्ष जनवरी से भारत सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के तौर पर भी अपना दायित्व निभाएगा. दुनिया के अनेक देशों ने भारत पर जो विश्वास जताया है, मैं उसके लिए सभी साथी देशों का आभार प्रकट करता हूं.
विश्व के सब से बड़े लोकतंत्र होने की प्रतिष्ठा और इसके अनुभव को हम विश्व हित के लिए उपयोग करेंगे. हमारा मार्ग जनकल्याण से जगकल्याण का है. भारत की आवाज हमेशा शांति, सुरक्षा, और समृद्धि के लिए उठेगी.
आज पूरे विश्व समुदाय के सामने एक बहुत बड़ा सवाल है कि जिस संस्था का गठन तब की परिस्थितियों में हुआ था, उसका स्वरूप क्या आज भी प्रासंगिक है?
अगर हम बीते 75 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों का मूल्यांकन करें, तो अनेक उपलब्धियां दिखाई देती हैं. अनेक ऐसे उदाहरण भी हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के सामने गंभीर आत्ममंथन की आवश्यकता खड़ी करते हैं.
भारत को इस बात का बहुत गर्व है कि वो संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक देशों में से एक है. आज के इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं आप सभी के सामने भारत के 130 करोड़ लोगों की भावनाएं इस वैश्विक मंच पर साझा करने आया हूं.