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शांति के दिखावे के बीच साजिश रच रहा चीन, लद्दाख में बिछा रहा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क

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सांकेतिक फोटो

एक तरफ चीन और भारत के बीच में एलएसी पर तनाव कम करने के लिए उच्च-स्तरीय वार्ता जारी है. चीन लगातार कई अंतरराष्ट्रीय मंचों से कह चुका है कि वह सीमा विवाद का हल शांति से निकालना चाहता है.

हालांकि दूसरी तरफ चीनी सेना अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रही है. द टेलीग्राफ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ चीन ने लद्दाख में ऑप्टिकल फाइबर केबल का नेटवर्क बिछाना शुरू कर दिया है.

रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना ने इस ऑप्टिकल फाइबर केबल का नेटवर्क को बिछाने के लिए लंबी दूरी तक खुदाई की है. इस केबल नेटवर्क की मदद से चीनी सेना को आपसी बातचीत के लिए एक सुरक्षित साधन मिल जाएगा. भारतीय सेना के अधिकारियों के मुताबिक पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी हिस्से में ये केबल नेटवर्क बिछाने का काम जारी है.

उधर चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस मसले पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स के सवालों का जवाब देने से साफ़ इनकार कर दिया है. फ़िलहाल इस आरोप पर चीनी सेना की तरफ से भी किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है.

भारत और चीन के बीच पिछले कुछ महीनों में गतिरोध पैदा होने की वजह से हज़ारों भारतीय और चीनी फ़ौजी टैंकों और एयरक्राफ्ट के साथ पैंगोंग सो झील के दक्षिण में 70 किलोमीटर के क्षेत्र में फंसे हुए हैं.

दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच पिछले हफ्ते हुई मुलाकात के बाद भी कोई अहम बदलाव नहीं हुआ है और पहले की तरह ही तनाव बरकरार है. उधर एक अंग्रेजी अखबर की पड़ताल में पता चला है कि चीन की सरकार और चाइनीज़ कॉम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी जुनख्वा डेटा इंफोर्मेशन टेक्नॉलॉजी को लिमिटेड नाम की कंपनी भारत में शुरू हो रही नई व्यापारिक योजनाओं पर नज़र रखे हुई हैं.

इस जासूसी की चपेट में भारतीय रेलवे के साथ इंटर्न कर रहे इंजीनियरिंग के छात्र से लेकर अज़ीम प्रेमजी की वेंचर कैपिटल कंपनी के चीफ़ इंवेस्टमेंट ऑफिसर तक कम से कम 1400 लोग शामिल हैं जिन पर नज़र रखी जा रही है.

मुख्य तौर पर जिन पर यह चीनी कंपनी नज़र रख रही है, उनमें वेंचर कैपिटलिस्ट, एंजेल इंवेस्टर, फाउंडर्स और स्टार्ट अप और भारत स्थित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के चीफ़ टेक्नॉलॉजी अफसर शामिल हैं. ये उन 10 हज़ार भारतीय लोगों और संस्थाओं में शामिल हैं जिन पर चीन की इस कंपनी ने नज़र रखा हुआ है.

जिन लोगों पर चीनी कंपनी ने नज़र रखा हुआ है उनमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके परिवार, ममता बनर्जी, अशोक गहलोत, नवीन पटनायक, उद्धव ठाकरे से लेकर कैबिनट मंत्री राजनाथ सिंह, रवि शंकर प्रसाद, निर्मला सीतारमण, स्मृति इरानी शामिल हैं.

इसके अलावा चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ बिपिन रावत, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के 15 प्रमुखों से लेकर मुख्य न्यायाधीश शरद बोबडे, लोकपाल पीसी घोष, कैग प्रमुख जीसी मुर्मु, भारत पे के संस्थापक निपुण मेहरा, उद्योगपति रतन टाटा और गौतम अडानी को भी ये कंपनी मॉनिटर कर रही है. ये कंपनी खुद दावा करती है कि ये चीन की खुफ़िया एजेंसी, सेना और सुरक्षा एजेंसियों के साथ काम करती है.

साभार-न्यूज़ 18

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