देहरादून| उत्तराखंड सरकार के प्रदेश में आने पर कोविड-19 टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लगाने की अनिवार्यता खत्म करने का सीधा असर पर्यटन पर पड़ रहा है.
उत्तराखंड से बाहर के तीर्थयात्रियों के लिए 72 घंटे पहले तक की इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से प्रमाणित लैब से कोरोना जांच अनिवार्य थी. इसकी वजह से चार धाम तीर्थ यात्रा पर लोग चाहकर भी नहीं आ पा रहे थे.
चार धाम देवस्थानम बोर्ड के अनुसार यह शर्त खत्म होने के बाद चार धाम में आने के लिए लोग उत्साहित हैं और बड़ी संख्या में चार धाम आ रहे हैं.
बता दें कि कोरोना के चलते लॉकडाउन की वजह से इस बार चारों धामों के कपाट खुलने के बाद भी चार धाम यात्रा शुरु नहीं की गई थी.
सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य शर्तों के साथ प्रदेश के लोगों को एक जुलाई से चार धाम आने की अनुमति दी गई थी. 25 जुलाई से कुछ प्रावधानों के साथ चार धाम यात्रा सभी के लिए खुल गई.
उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार शुक्रवार शाम तक उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov.in से 4401 लोगों ने चार धामों के लिए हेतु ई -पास बुक कराए हैं.
इसमें बदरीनाथ धाम के लिए 1113, केदारनाथ धाम के लिए 2162, गंगोत्री धाम के लिए 657 और यमुनोत्री धाम हेतु 469 लोगों ने ई पास बुक कराए हैं.
एक जुलाई से 2 अक्टूबर शाम तक 85,785 ई-पास जारी किए जा चुके हैं. ई-पास लेकर तीर्थयात्री दर्शन को पहुंच रहे हैं.
अभी चारों धामों में दर्शन के लिए आनेवाले तीर्थयात्रियों की संख्या बद्रीनाथ के लिए 1200, केदारनाथ के लिए 800, गंगोत्री के लिए 600 और यमुनोत्री के लिए 450 पूर्ववत सीमित रखी गई है.
इसमें बताया गया है कि कोरोना महामारी से बचाव और रोकथाम के लिए तीर्थ यात्रियों को थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजेशन के बाद ही मंदिरों में प्रवेश दिया जा रहा है.
सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है और सोशल डिसटेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है.
यात्रा मार्ग पर देवस्थानम बोर्ड के यात्री विश्राम गृहों को तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए खोला जा चुका है. तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रुके. कोशिश की जानी चाहिए कि दर्शन के बाद तीर्थयात्री निकटवर्ती स्टेशनों तक वापस आ जाएं.
यह भी साफ़ किया गया है कि कोरोना के लक्षणवाले लोगों के पाज़िटिव रिपोर्ट आने पर चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं होगी जब तक कि उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ जाती.
सामान्य जांच में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर संबंधित ज़िला प्रशासन यात्री का कोविड-19 आरटी पीसीआर टेस्ट करवाएंगे.
हैलिकॉप्टर से आने वाले तीर्थयात्रियों को ई-पास से छूट दी गई है. हैलिकॉप्टर से दर्शन को पहुंचनेवाले तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य जांच की जिम्मेदारी संबंधित हैलि कंपनी की होगी.