विश्व फोटोग्राफी दिवस का मुख्य उद्देश्य फोटोग्राफी के क्षेत्र में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है .आपको बता दें कि यह कोरोना काल में मनाया जाने वाला दूसरा विश्व फोटोग्राफी दिवस है इसलिए इस बार की थीम है, ‘लैंस के माध्यम से महामारी का लॉकडाउन’.
यह एक सालाना वैश्विक उत्सव है जिसमें फोटोग्राफी के इतिहास, इसकी कला, शिल्प और विज्ञान का प्रदर्शन किया जाता है. सोशल मीडिया के युग में इस बार वर्ल्ड फोटोग्राफी डे के मौके पर इंस्टाग्राम पर कई आयोजनों की घोषणा की गई है. दुनिया के किसी कोने से आप इस आयोजन में भाग ले सकते हैं और अपनी तस्वीरें वर्ल्ड फोटोग्राफी डे # पर शेयर कर सकते हैं.
यह दिन न केवल उस व्यक्ति को याद करता है जिसने इस क्षेत्र में योगदान दिया है बल्कि यह भविष्य की पीढ़ी को भी अपना कौशल दिखाने के लिए प्रेरित करता है. इसके साथ इस खास दिन को मनाने का उद्देश्य यह भी है कि दुनियाभर के फोटोग्राफरों को एकजुट किया जा सके.
एक समय था जब लोगों के पास कैमरा तक नहीं होता था. खासकर ग्रामीण इलाकों में लोग फोटो खिंचाने के लिए कई किलोमीटर दूर फोटो स्टूडियो में जाते थे. लेकिन आज हर लगभग हर इंसान के पास या तो कैमरा है या कैमरे वाला मोबाइल, जिससे लोग आराम से कहीं भी कभी भी तस्वीरें खींच सकते हैं और उन्हें सहेज कर रख सकते हैं.
भारत की नहीं दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो फोटोग्राफी के शौकीन हैं और उन्होंने फोटोग्राफी को ही अपना करियर चुन लिया है. आओ आज वर्ल्ड फोटोग्राफी डे पर कुछ यादगार पल कैमरों में क्लिक करें.
9 जनवरी 1839 को दुनिया में पहले फोटोग्राफी की शुरुआत फ्रांस से हुई थी
यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि दुनिया में सबसे पहले 9 जनवरी 1839 को फोटोग्राफी की शुरुआत फ्रांस से हुई थी. उसके कुछ महीनों बाद 19 अगस्त, 1839 को फ्रांस सरकार ने इस प्रकिया को बिना किसी कॉपीराइट के दुनिया को उपहार के रूप में देने की घोषणा की.
तभी से 19 अगस्त को यह दिन मनाया जाता है. लेकिन उससे पहले साल 1826 में दुनिया की पहली दिखने वाली तस्वीर खींचने का श्रेय जाता है. फ्रांस के इनवेंटर जोसेफ नाइसफोर और उनके मित्र लुइस डॉगेर को, जिन्होंने अपनी आधी उम्र सिर्फ इसी काम के लिए समर्पित कर दी थी.
इन दोनों की फोटो खींचने की इसी उपलब्धि को दुनिया ‘डॉगेरोटाइप’ प्रोसेस कहती है और इसे सम्मान देने के लिए वर्ल्ड फोटोग्राफी डे मनाए जाने का सिलसिला शुरू हुआ. बता दें कि दुनिया की पहली सेल्फी अमेरिका के फोटो प्रेमी रॉबर्ट कॉर्नेलियस को दुनिया की पहली सेल्फी क्लिक करने वाला माना जाता है.
उन्होंने 1839 में यह तस्वीर खींची थी. हालांकि, उस समय उन्हें ये नहीं पता था कि ऐसा फोटा क्लिक भविष्य में सेल्फी के रूप में जाना जाएगा. यह तस्वीर आज भी यूनाइटेड स्टेट लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस प्रिंट में उपलब्ध है. वर्ल्ड फोटोग्राफी की लोकप्रियता साल 2010 से बढ़ना शुरू हुई थी.
ऑस्ट्रलिया के एक फोटोग्राफर ने इस दिन के बारे में दुनिया भर में जागरूकता फैलानी शुरू की. उन्होंने अपने सभी साथियों की मदद से दुनिया भर में इस दिन का प्रचार-प्रसार किया.
उन्होंने अपने 270 साथी फोटोग्राफरों के साथ मिलकर उनकी तस्वीरें ऑनलाइन गैलरी के जरिए लोगों के सामने पेश की. इस ऑनलाइन गैलरी को लोगों ने खूब पसंद किया जिसके बाद से इसका ट्रेंड बन गया और हर साल फोटोग्राफी डे के दिन ऐसी ही ऑनलाइन गैलरी बनने लगी.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार