मंगलवार को हरिद्वार महाकुंभ में चैत्र पूर्णिमा पर आयोजित अंतिम शाही स्नान के दौरान साधु-संत और श्रद्धालुओं गंगा में डुबकी लगाई. कोरोना संक्रमण के चलते हर की पैड़ी सहित सभी गंगा घाटों पर आज भीड़ काफी कम दिख रही है.
उत्तराखंड के हरिद्वार में अंतिम शाही स्नान के दिन हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर सुबह नौ बजे तक आम श्रद्धालुओं ने स्नान किया और फिर अखाड़ों के संतों की बारी आयी है. यह सिलसिला अभी चलता रहेगा.
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते अखाड़ों के साधु संत सीमित संख्या में भाग ले सके और इस दौरान बैंड बाजों के साथ पारंपरिक पेशवाई और शोभायात्रा नहीं निकली. यही नहीं, साधु- संत गाइडलाइन का पालन भी करते नजर आए.
वैसे कुंभ मेले के समापन से पहले अखाड़ा परिषद दो फाड़ हो गई है. बता दें कि बैरागी कैंप ने अखाड़ा परिषद से अलग होने का ऐलान कर दिया है. नाराज बौरागी संतो ने अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद का गठन किया है. जबकि रामकृष्ण दास नगरिया को अध्यक्ष और राजेंद्र दास को महामंत्री चुना गया है. संन्यासी अखाड़ों पर बैरागी अखाड़ों ने उपेक्षा का आरोप लगाया है.